Avdheshanand Giri Maharaj Life Lessons, benefits of self study | स्वामी अवधेशानंद जी गिरि के जीवन सूत्र: अस्थिर बुद्धि की वजह से लोग व्रत-नियम, परंपराएं, गुरु और इष्टदेव भी बदल लेते हैं

हरिद्वार11 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक

सच्चे साधक श्रीमद् भगवद्गीता, उपनिषद, ब्रह्मसूत्र जैसे ग्रंथों का निरंतर पाठ करते हैं, साधु-संतों की संगत में रहते हैं। सत्संग और ग्रंथों के पाठ से हमारे अंदर स्वाध्याय करने की इच्छा जागती है। स्वाध्याय से ही हम दृढ़ निश्चयी रहती हैं, हमारी बुद्धि स्थिर रहती है और लक्ष्य की ओर रुके बिना आगे बढ़ते रहते हैं। हमारे साधनों में बार-बार बदलाव नहीं होना चाहिए। जो लोग स्वाध्याय नहीं करते हैं, उनकी बुद्धि अस्थिर रहती है और वे व्रत-नियम, परंपराएं, गुरु और यहां तक कि अपने इष्टदेव को भी बदल लेते हैं।

आज जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद जी गिरि के जीवन सूत्र में जानिए भ्रम और भय दूर करने के लिए क्या करना चाहिए?

आज का जीवन सूत्र जानने के लिए ऊपर फोटो पर क्लिक करें।

खबरें और भी हैं…

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *