दतिया शहर में गुरुवार को किले की 219 साल पुरानी जर्जर दीवार गिरने से 7 लोगों की मौत हो गई। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि किले की जो दीवार थी, वह जर्जर थी और लोगों ने अतिक्रमण कर उसके आसपास ही घर बना लिए थे।
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सागर में भी यही हाल है। यहां किले की दीवार से लगकर और दीवार में ही पिलर खड़े कर लोगों ने अपने घर तक बना लिए हैं। कोतवाली से तीनबत्ती तक किले से लगकर जो मार्ग पहले हुआ करता था, वह पूरी तरह से बंद हो गया है। चंद मकानों के पीछे अब भी जगह छूटी हुई है।
यहां अंदेशा रहता है कि यदि कभी दीवार गिरी तो आसपास रहने वालों के साथ भी बड़ा हादसा हो सकता है। इस संबंध में निगमायुक्त, कलेक्टर से लेकर मुख्यमंत्री तक शिकायतें हुईं लेकिन हुआ कुछ नहीं। शिकायत में बताया गया है कि कोतवाली से तीनबत्ती तक किले से लगकर 15 से 20 फीट चौड़ा मार्ग था। इस मार्ग में 9 लिंक रोड थे, जाे किले की पानी निकासी के लिए और लोगों के घरों में आने-जाने के लिए बनाए गए थे।
1861 में बंदोबस्त के मुताबिक मकानों का निर्माण हुआ था, जिसमें किले की दीवार और मकानों के बीच पर्याप्त दूरी थी। 1990-91 में निगम के तत्कालीन प्रशासक मनोज श्रीवास्तव ने इस मार्ग का सर्वे कराया था। इस मार्ग को खोलने का प्रस्ताव भी उन्होंने बनाया, अतिक्रमण चिन्हित किए लेकिन उनका तबादला हाे गया।
2003 में तत्कालीन कलेक्टर शिवशेखर शुक्ला के निर्देश पर कुछ अतिक्रमण हटाए गए लेकिन फिर स्थिति जस की तस हो गई। यहां रहने वाले डॉ. सुभाष सिंघई बताते हैं, इस बारिश में किले की दीवार का पानी नींव और दीवारों से घरों में आया।
इतिहासकार बोले– पहले यहां से बैलगाड़ी-तांगा चलते थे
इतिहासकार डॉ. रजनीश जैन ने बताया किला 1660 का बना है। पहले किले की दीवार के बाजू से सड़क थी। इसकी पुरानी तस्वीर में सब साफ दिखता है। लाल दुकान के बाजू से कोतवाली तक बैलगाड़ी, तांगा आया-जाया करते थे। इसी मार्ग में मीना बाजार भी था। मैंने स्वयं भी यह गली देखी है। कई जगह लोगों ने पिलर भी दीवार के अंदर तक कर लिए हैं, ऐसे में पानी जाएगा तो किले की दीवार कमजोर होकर ढह सकती है।
महापौर-विधायक ने कहा कार्रवाई हो, कलेक्टर बोले-जांच कराएंगे
^हमारे पूर्वजों की विरासत से इस तरह से छेड़छाड़ चिंतनीय है। प्रशासन को कार्रवाई करना चाहिए। – शैलेंद्र जैन, विधायक ^यह गंभीर मामला है। दीवार से छेड़छाड़ कर अवैध निर्माण के मामले में प्रशासन कार्रवाई करे। – संगीता तिवारी, महापौर ^यहां की वस्तु स्थिति की जांच और कार्रवाई के लिए नगर निगम प्रशासन काे निर्देश दे रहा हूं। – संदीप जीआर, कलेक्टर