Preparations to increase safety and luxury | सेफ्टी और लग्जरी बढ़ाने की तैयारी: वंदे भारत से बदले जाएंगे शताब्दी और राजधानी के रैक, क्योंकि ये कवच प्रोटेक्शन से लैस, ज्यादा आरामदायक और आकर्षक – Bhopal News


शताब्दी-राजधानी श्रेणी की गाड़ियों की सेफ्टी और लग्जरी बढ़ाने के​ लिए उनके रैक बदलने की तैयारी है। आधुनिकतम सेफ्टी सिस्टम व लग्जरी उपकरणों से लैस वंदे भारत 4.0 के रैक से इन्हें बदले जाने की संभावना है। दोनों ही श्रेणी की ट्रेनों को जर्मन टेक्नोलॉजी के

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संभवत: दिसंबर तक वंदे भारत श्रेणी के दोनों तरह के करीब 100 रैक आते ही बदलाव के फैसले को अमल में लाया जा सकेगा। पश्चिम-मध्य रेल जोन के सीपीआरओ हर्षित श्रीवास्तव का कहना है कि सेफ्टी और लग्जरी के लिए शताब्दी-राजधानी ही नहीं, किसी भी ट्रेन के रैक को बदला जा सकता है।

पुराने हो गए हैं रैक: नई दिल्ली-आरकेएमपी शताब्दी और यहां से गुजरने वाली अधिकतर राजधानी श्रेणी की ट्रेनों के रैक 15 से 20 साल पुराने हैं। वहीं, वंदे भारत श्रेणी के जो रैक लगातार बनाए जा रहे हैं, वे आधुनिकतम टेक्नोलॉजी के लिहाज से तैयार किए जा रहे हैं। स्लीपर वंदे भारत भी काफी आरामदायक व सेफ्टी फीचर्स से लैस हैं। इसलिए अगले साल के अंत तक 70 फीसदी से ज्यादा शताब्दी व राजधानी के रैक को इनसे रिप्लेस किए जाने की संभावना है।

अगले माह से ​सेफ्टी चेक: अफसरों का कहना है कि शताब्दी- राजधानी श्रेणी के विभिन्न स्थानों पर चल रहे रैक की सेफ्टी को अगले महीने से चैक करवाने की शुरुआत होने जा रही है। उस रिपोर्ट के आधार पर इनके रैक एक-एक कर बदले जाएंगे।

लगातार सुधार...अधिकारियों का कहना है कि वंदे भारत का जल्द ही चौथा संस्करण आने वाला है। ​पिछले संस्करणों में लगातार सुधार किया गया है। इस वजह से वंदे भारत 4.0 को अत्याधुनिक सेफ्टी व लग्जरी फीचर्स से लैस बनाया जा रहा है।

वंदे भारत के कोच में ये खास

सीनियर डीसीएम सौरभ कटारिया का कहना है कि वंदे भारत 4.0 में नए फीचर्स जोड़े गए हैं, जिससे एसी के माध्यम से ही करीब 25 फीसदी बिजली की बचत होने लगी है।

  • अच्छी कूलिंग यात्रियों को मिले, उसके लिए एयर टाइट डोर लगने लगे हैं।
  • इमरजेंसी टॉक यूनिट में सुधार। इससे लोको पॉयलट से सीधे बात होने में आसानी।
  • कोच के फैब्रिक को ज्यादा पारदर्शी बना दिया गया है। इससे रोशनी बढ़ गई है।
  • कोच के भीतर इंटीरियर को पहले से ज्यादा आकर्षक बनाया गया है।
  • ट्रेन की सेफ्टी को मजबूत करने प्रोटेक्शन सिस्टम कवच लगाया गया है।

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