फैशन और लाइफस्टाइल उत्पाद बनाने वाली कंपनी प्रोवोग इंडिया लिमिटेड ने प्लूटस होल्डिंग और इसके चार कर्मचारियों के खिलाफ करीब 90 करोड़ रुपए की वित्तीय धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश रचने का मामला दर्ज करवाया है।
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प्रोवोग की दिवालिया और लिक्विडेशन प्रक्रिया के दौरान धोखाधड़ी करने के आरोप में मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने यह केस दर्ज किया है।
एफआईआर में प्लूटस इन्वेस्टमेंट एंड होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड और इससे जुड़े लोगों के खिलाफ 90 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी करने, कंपनी के एसेट्स की कीमत षडयंत्रपूर्वक कम दिखाने, कंपनी के बकाया को रिकवर नहीं करने और लिक्विडेशन की प्रक्रिया को जानबूझकर अटकाने के आरोप लगाए गए हैं।

ईओडब्ल्यू ने अमित गुप्ता, समीर खंडेलवाल, राकेश रावत और अर्पित खंडेलवाल के खिलाफ धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश रचने के आरोप में केस दर्ज किया है। एफआईआर के मुताबिक प्रोवोग के डायरेक्टर मेजर शेयर होल्डर होने के नाते कंपनी के लोन में व्यक्तिगत गारंटी थे और वह लगातार कंपनी के मामलों को देख रहे थे।
लिक्विडेशन की प्रक्रिया के दौरान भी वे लगातार कंपनी के मामले देख रहे थे। यूनियन बैंक ऑफ़ इंडिया में कंपनी का लोन अकाउंट एनपीए हो चुका था। बैंक ने इंडियन बैंकिंग कोड के प्रावधानों के मुताबिक अमित गुप्ता को रेजोल्यूशन प्रोफेशनल (RP) नियुक्त किया था। कंपनी को 2023 में प्लूटस इन्वेस्टमेंट एंड होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड को बेच दिया गया था।
बैंक से आरपी नियुक्त किए अमित गुप्ता भी धोखाधड़ी में शामिल शिकायत के मुताबिक साल 2018-19 और 2022-23 में आरपी अमित गुप्ता ने संदिग्ध एक्सपोर्ट ट्रांजेक्शन किए। गुप्ता ने जिसे एक्सपोर्ट किए, उस क्लाइंट ने पिछले एक्सपोर्ट का बकाया नहीं चुकाया था, 32.71 करोड़ रुपए पिछले बकाया थे, जिनकी वसूली ही नहीं की गई। अमित गुप्ता ने पूर्व कर्मचारी समीर खंडेलवाल के जरिए बिजनेस ऑपरेट किया जो प्रोवोग के पूर्व निदेशक राकेश रावत के लगातार संपर्क में था।
प्रोवोग की हांगकांग स्थित 54.72 करोड़ की सहायक कंपनी की वैल्यू कम करने की साजिश रची आरोप है कि आरपी अमित गुप्ता, प्लूटस इन्वेस्टमेंट एंड होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड से जुड़े समीर खंडेलवाल, राकेश रावत, अर्पित खंडेलवाल ने प्रोवोग की 100% सब्सिडियरी कंपनी हांगकांग स्थित एलिट टीम हांगकांग की जानबूझकर कीमत कम करने का षडयंत्र रचा।
साल 2017-18 की बैलेंस शीट के मुताबिक इस सब्सिडियरी कंपनी की कीमत 54.72 करोड़ थी। कंपनी के मालिकाना हक में हांगकांग में दो प्रोपर्टीज थीं। इसके बावजूद वैल्यूएशन रिपोर्ट में उन दोनों प्रॉपर्टीज को छिपाते हुए अदर एसेट के तौर पर दिखाया ताकि वैल्यू कम करके दिखा सके।
अर्पित खंडेलवाल ने हांगकांग की प्रोपर्टी को करोड़ों में बेचा पुलिस को दी गई शिकायत में दावा किया गया है अर्पित खंडेलवाल ने हांगकांग स्थित प्रोवोग की सहायक कंपनी की एक प्रॉपर्टी को करोड़ों रुपए में बेच दिया ताकि वैल्यूएशन को कम किया जा सके। अमित गुप्ता ने जानबूझकर ई-ऑक्शन की प्रक्रिया को करीब 2 साल तक लटकाए रखा और उसमें जानबूझकर देरी की, जिससे कंपनी की कीमत में और कमी की जा सके।
इंडिपेंडेंट वैल्यूअर को बैलेंस शीट और दस्तावेज नहीं दिए शिकायत के मुताबिक प्रोवोग की लिक्विडेशन प्रक्रिया के दौरान तीन इंडिपेंडेंट वैल्यूअर नियुक्त किए गए थे, लेकिन उन्हें बैलेंस शीट और जरूरी दस्तावेज नहीं दिए गए। यह सब प्रोवोग की हांगकांग स्थित सब्सिडियरी कंपनी एलिट एसकेजे की वित्तीय स्थिति को छुपाने के लिए किया गया था ताकि कंपनी की वैल्यू कम दिखाई जा सके।
