रैंप वॉक का आयोजन राजकोट कैंसर क्लब ने करवाया था।
राजकोट में आज 80 कैंसर सर्वाइवल महिलाओं ने एक साथ रैंप वॉक कर ‘लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स’ में जगह बनाई। रैंप वॉक का आयोजन राजकोट कैंसर क्लब ने ‘कैंसर कैंसिल नहीं है’ मैसेज के साथ समाज में कैंसर के प्रति जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से आयोजित किया था।
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रैंप वॉक में 17 साल की लड़की से लेकर 72 साल की बुजुर्ग महिलाएं तक शामिल हुईं। इनके आत्मविश्वास को देखकर लोग अचंभित रह गए। कैंसर योद्धा बहनों के आत्मविश्वास को बढ़ाने के लिए कैंसर क्लब ऑफ राजकोट के इस प्रयास की पूरे गुजरात में चर्चा हुई।
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15 साल की उम्र में हो गया था कैंसर
कैंसर सर्वाइवल में राजकोट की पारिका चौहान भी थीं। पारिका जब 10वीं क्लास में पढ़ती थीं, तब उन्हें कैंसर हो गया था। उन्होंने लगातार पांच साल तक कैंसर से लड़ाई की और उसे मात दी। खास बात यह है कि उनके बाएं पैर की हड्डी कैंसर के कारण हटा दी गई थी, इसलिए उनका बायां पैर कृत्रिम है। उन्होंने भी पूरे आत्मविश्वास से रैंप वॉक किया।
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कैंसर योद्धा पारिका चौहान ने कहा, इस फैशन शो में भाग लेना बहुत अच्छा लग रहा है। कैंसर से जंग जीती जा सकती है। यदि व्यक्ति मानसिक रूप से स्वस्थ है तो किसी भी शारीरिक चुनौती से निपटा जा सकता है। एक युवा के रूप में कैंसर से लड़ना मेरे लिए बहुत कठिन समय था। हम समाज को संदेश देना चाहते हैं कि हमें छोटी-बड़ी चीजों को लेकर शिकायत नहीं करनी चाहिए, जो हमारे पास है उसके लिए भगवान का शुक्रिया अदा करना चाहिए। इतने अच्छे शरीर ने इतना अच्छा जीवन दिया है तो उसे जीना सीखना चाहिए।
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17 से लेकर 72 साल तक के बुजुर्गों ने हिस्सा लिया
राजकोट कैंसर क्लब की सदस्य ज्योतिबेन शास्त्री ने कहा, हमारी संस्था के संस्थापक अश्विनभाई जोशी हैं, जिन्होंने कैंसर को मात दी है और 2020 से कैंसर क्लब की शुरुआत की है। इस क्लब द्वारा जागरूकता के लिए नियमित रूप से विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इस बार कैंसर वॉरियर्स बहनों के लिए एक फैशन शो करने का विचार आया। हमने जो फैशन शो प्रोग्राम किया उसमें 17 साल की बहनों से लेकर 72 साल के बुजुर्गों तक ने हिस्सा लिया।
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उन्होंने आगे कहा कि यह कार्यक्रम समाज में जागरूकता के लिए किया गया है। समाज में बहनें कैंसर के नाम से डरती हैं और वे डरें नहीं, बल्कि इससे लड़ें। आज के कार्यक्रम में उपस्थित बहनें समाज के लिए एक उदाहरण हैं कि कैंसर का मतलब कैंसल होना नहीं है। इससे पहले बेंगलुरु में कैंसर वॉरियर्स बहनों के लिए आयोजित फैशन शो में 22 बहनों ने हिस्सा लिया था। जबकि यहां हमारी 80 बहनों ने हिस्सा लिया और लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में जगह बनाई।
नीचे देखें रैंप वॉक की अन्य तस्वीरें…
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