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श्री महाकालेश्वर के आंगन में गुरुवार को गंगा दशहरा पर्व पर 80 कलाकारों ने भगवान महाकाल को नृत्यांजलि की प्रस्तुति दी। सुबह भस्म आरती के बाद से शुरू हुई नृत्य आराधना शयन आरती तक जारी रही। इसमें कलाकारों ने शिव पंचाक्षर, शिव तांडव सहित महाकाल आरती की।
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महाकाल की नृत्य आराधना में 5 से 50 साल उम्र तक के कलाकार शामिल रहे। वडोदरा गुजरात से भी कलाकार कार्यक्रम में भाग लेने आए थे। वहीं गुरुवार को श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा और अखाड़ा परिषद से जुड़े नागा साधु, संतों का नीलगंगा सरोवर में स्नान होने के साथ ही पेशवाई निकाली गई। संतों की पेशवाई सिंहस्थ पड़ाव स्थल नीलगंगा से पूरे शाही अंदाज के साथ शुरू हुई।
