गरियाबंद माइनिंग विभाग और प्रशासन की टीम ने शुक्रवार को रेत का अवैध परिवहन कर रहे 7 हाईवा को जब्त किया है। जिसमें 6 हाईवा धमतरी जिले में महानदी पर आने वाले मोहेरेंगा-परेवाडीह घाट और एक गरियाबंद के तर्रा घाट से रेत लोड कर जा रहे थे।
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इस एक्शन के दौरान राजिम के चौबे बाधा मोड पर रेत से भरे 9 हाईवा कई घंटों तक रुके रहे। इसमें से आधे से ज्यादा के पास पिट पास नहीं था, तो बाकी ओवर लोड थे। बताया जा रहा है कि, कार्रवाई से बचाने प्रभावशाली माफिया के इस वाहन को हाईवे पर आने नहीं दिया गया था। उन्हें सिग्नल मिलते ही आने कहा गया था।
विभाग ने पिट पास लाने का दिया अवसर
इसकी भनक कलेक्टर दीपक अग्रवाल को लगी, तो उन्होंने संयुक्त टीम को इस लोकेशन पर भेज दिया। हैरानी की बात है कि कार्रवाई के बजाए चालकों को पिट पास लाने वापस खदान भेजा गया। 12 घन मीटर के पिट पास में 14 से 16 घन मीटर की भी अफसरों ने अनदेखी कर सभी 9 हाईवा को जाने दिया।
अवैध खदान में वाहन की लोडिंग और परिवहन रात 10 बजे से पहले शाम 6 बजे तक चलता है। एक दिन में 100 से ज्यादा हाईवा रेत का अवैध परिवहन कर रायपुर, दुर्ग और कवर्धा रूट होते एमपी तक सप्लाई की जा रही है।
जानिए किस घाट से कैसे संचालित हो रहा अवैध खदान
- तर्रा घाट
पैरी नदी का तर्रा घाट नेशनल हाइवे से ढाई किमी दूर पर स्थिति है। इसके संचालन स्थानीय राजनीति में दखल रखने वाले प्रभावी नेता के करीबी हैं, जो श्याम नगर राजिम और रायपुर जिले के नवापारा निवासी ट्रांसपोर्टर और खदान का मास्टरमाइंड साथ मिलकर चला रहे।
रोजाना रात के 12 घंटे में 20 हाईवा 60 ट्रिप से ज्यादा खेप की सप्लाई कर रहा। दो दिन पहले राजिम के मुख्य चौराहे पर अवैध कारोबार का नगर वासियों ने विरोध किया था। लेकिन राजनीति रसूख के चलते तर्रा घाट के माफिया फिर से कारोबार शुरू कर दिया।
- बिडोरा घाट
यह घाट सूखा नदी में सरकड़ा पंचायत के अधीन आता है। खनिज विभाग के रिकॉर्ड में यह अनुबंधित खदान नहीं है। खदान राजिम के सक्रिय राजनीतिक सेंटर से संचालित हो रहा है। पंचायत में दखल रखने वाले पुराने रेत कारोबारी भी इसमें शामिल है।
यहां अभनपुर के राजस्थानी ठेकेदार से सेकेंड हैंड खरीदी किए 6 हाईवा, दो पोकलेन समेत दर्जन भर वाहन रेत परिवहन में लगे हैं। यहां से रेत राजधानी में सप्लाई की जाती है। यहां से निकलने वाली ज्यादातर वाहनों में लचकेरा भंडारण केंद्र का पिट पास होता है।
- बोरिद घाट
यह घाट भी सरकडा पंचायत के अधीन आता है। इसे बिडोरा 2 के नाम से जाना जाता है। यह खदान सीधे सत्ता को संतुष्ट करने की नियत से चलाया जा रहा है। माफिया का सिंडिकेट सत्ता पावर को साधने इस खदान को पावर फुल नेता के लोगों को दिया हुआ है। 20 से ज्यादा हाईवा इस घाट से रात के अंधेरे में रेत परिवहन कर रहा है।
जिला खनिज अधिकारी फागूलाल नागेश ने कहा कि, संयुक्त टीम के साथ मिलकर लगातार कार्रवाई की जा रही है। पिछले तीन चार दिनों में कई वाहन जब्त किए गए हैं। अवैध कारोबार रोकने अपने स्तर पर पूरा प्रयास कर रहे।