6 people from Maharashtra killed in Jammu and Kashmir terror attack | जम्मू-कश्मीर आतंकी हमले में महाराष्ट्र के 6 लोगों की मौत: पर्यटक ने बताया- हमले वाली जगह से बाहर निकलने का गेट केवल 4 फीट चौड़ा था

मुंबई13 घंटे पहले

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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में बीते मंगलवार को हुए आतंकी हमले में 27 लोगों की मौत हुई है। इनमें 6 लोग महाराष्ट्र के भी शामिल हैं। मृतकों में डोंबिवली में 3, पुणे के 2 और पनवेल 1 का पर्यटक शामिल है। मृतकों के शव लाने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने विशेष उड़ान की व्यवस्था की है।

बाहर निकलने का गेट केवल 4 फीट चौड़ा था नागपुर के एक प्रत्यक्षदर्शी दंपत्ति ने हत्याकांड की भयावहता बयां करते हुए कहा- हम लोग हमले वाली जगह से कुछ ही दूरी पर थे। गोलियों की आवाज सुनकर सभी लोग अपनी जान बचाने के लिए भागे। पहले तो किसी को समझ ही नहीं आया कि क्या हुआ। लेकिन कुछ लोगों ने चिल्लाकर कहा कि आतंकवादी हमला हुआ है और फिर सभी भागने लगे, हमने पीछे मुड़कर नहीं देखा।

आतंकियों ने काफी देर तक गोलीबारी की। हर कोई सुरक्षित स्थान की ओर भाग रहा था। जिस जगह हमला हुआ, वहां से बाहर निकलने का गेट केवल 4 फीट चौड़ा था। वहां काफी भीड़ थी। दौड़ते समय मेरी पत्नी के पैर में फ्रैक्चर हो गया। मैं अपनी पत्नी और बच्चे की सुरक्षा को लेकर चिंतित था।

घटनास्थल पर मृतकों के शव।

घटनास्थल पर मृतकों के शव।

लोग चीखते हुए वहां से किसी तरह निकलना चाहते थे वहीं, अस्पताल में भर्ती एक महिला ने बताया कि सभी पर्यटक चिल्ला रहे थे- गोली चल रही है, भागो-भागो। लोग गेट से बाहर निकलने के लिए धक्का-मुक्की कर रहे थे। हर कोई चीखते हुए बस उस जगह से किसी तरह निकलना चाहता था। वहां छोटे बच्चे भी थे। पैरेंट्स किसी तरह सबसे पहले उन्हें बाहर निकालने की कोशिश में लगे थे।

कुछ घायलों को घोड़े पर बैठाकर बाहर निकाला हमले वाली जगह ही मौजूद वहीद नाम के एक टूर गाइड ने बताया कि काफी देर तक गोलियां चलीं। इसके बाद आतंकी भाग निकले। गोलियों की आवाज थमने के बाद हम घटनास्थल पर पहुंचे। वहां, जमीन पर काफी लोग पड़े हुए थे। हममें से कुछ लोगों ने कुछ घायलों को घोड़े पर बैठाकर बाहर निकाला।

घटनास्थल से पीड़ित परिवार को अपने साथ ले जाते सुरक्षाकर्मी।

घटनास्थल से पीड़ित परिवार को अपने साथ ले जाते सुरक्षाकर्मी।

डोंबिवली के तीन लोगों की मौत इस हमले में डोंबिवली (पूर्व-पश्चिम) के नवपाड़ा, पांडुरंग वाडी और नांदिवली इलाकों के तीन लोग मारे गए। उनके नाम हेमंत जोशी, संजय लेले और अतुल मोने हैं। ये सभी लोग पर्यटन के लिए जम्मू-कश्मीर गए थे। अतुल मोने डोंबिवली पश्चिम के ठाकुरवाड़ी इलाके में श्रीराम अचल बिल्डिंग में रहते थे। वह अपने परिवार और दोस्तों के साथ कश्मीर घाटी गए थे।

मिली जानकारी के मुताबिक, उनकी पत्नी और बेटी समेत कुल तीन परिवार वहां गए थे। अतुल मोने रेलवे की परेल वर्कशॉप में सेक्शन इंजीनियर के पद पर कार्यरत थे। हमले की सूचना मिलते ही मोने के रिश्तेदार कश्मीर के लिए रवाना हो गए। संजय लेले के बेटे हर्षल के हाथ में गोली लगी है। इसलिए वह भी घायल हो गया है।

हमले के बाद अस्पताल में मौजूद टूरिस्ट।

हमले के बाद अस्पताल में मौजूद टूरिस्ट।

पुणे में दो लोगों की मौत पुणे के दो लोग कौस्तुभ गणबोटे और संतोष जगदाले की मौत हो गई। कौस्तुभ और संतोष अपने परिवारों के साथ पर्यटन के लिए कश्मीर गए थे। आतंकवादियों ने उन पर उस समय हमला किया, जब वे बैसरन क्षेत्र में घूम रहे थे। खून से लथपथ हालत में दोनों को उनके परिवार के लोगों और स्थानीय लोगों ने अस्पताल पहुंचाया। लेकिन इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।

पनवेल के दिलीप देसले का निधन पनवेल से कुल 39 पर्यटक पर्यटन के लिए जम्मू-कश्मीर गए थे। इस हमले में पनवेल के खंडा कॉलोनी निवासी दिलीप देसले की मौत हो गई। पनवेल के ही सुबोध पाटिल घायल हो गए हैं। उन्हें हवाई मार्ग से श्रीनगर के एक अस्पताल ले जाया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है।

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