5251st birth anniversary of Lord Krishna | भगवान श्रीकृष्ण का 5251वां जन्मोत्सव: जन्माष्टमी के मौके पर आज रात 2.30 तक खुले रहेंगे द्वारकाधीश मंदिर के द्वार – Gujarat News

जन्माष्टमी पर्व पर जगत मंदिर को कलात्मक रोशनी से सजाया गया है।

गुजरात के द्वारका में सोमवार को भगवान श्रीकृष्ण का 5251वां जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा। मंदिर में तड़के सुबह से ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ेगी। इसे लेकर पुलिस-प्रशासन ने भी सभी इंतजाम कर लिए हैं। सुबह 6 बजे मंगला आरती होगी। इसके बाद सुबह 8 ब

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रात 2.30 बजे तक भगवान के दर्शन कर सकेंगे श्रद्धालु

तस्वीर पिछली जन्माष्टमी की है। सुबह भगवान द्वारकाधीश को केसरिया वस्त्र पहनाए गए थे।

तस्वीर पिछली जन्माष्टमी की है। सुबह भगवान द्वारकाधीश को केसरिया वस्त्र पहनाए गए थे।

श्रीद्वारकाधीश मंदिर ट्रस्ट ने जन्माष्टमी उत्सव के कार्यक्रम की घोषणा की है, जिसमें सोमवार को श्रीजी के दर्शन का समय सुबह 6 बजे मंगला आरती, सुबह 6 बजे से 8 बजे तक मंगला दर्शन, सुबह 8 बजे स्नान और अभिषेक, 9 बजे अभिषेक के बाद पूजन (पट/दर्शन) के दौरान मंदिर के पट बंद रहेंगे।

इसके बाद 10:30 बजे भगवान का श्रृंगार कर उन्हें प्रसाद का भोग लगाया जाएगा। 11 बजे श्रृंगार आरती, 11:15 बजे ग्वाल भोज दिया जाएगा। दोपहर 12 बजे राजभोग अर्पित किया जाएगा। भगवान के आराम के लिए दोपहर 1 बजे से शाम 5 बजे तक मंदिर के पट बंद रहेंगे।

शाम 5 बजे उत्थापन दर्शन के बाद भगवान द्वारकाधीश को उत्थापन भोग लगाया जाएगा। इसके बाद श्रद्धालु रात 12 बजे से 2.30 बजे तक भगवान के दर्शन करेंगे।

लाइटों से जगमगाते द्वारका मंदिर का रात का दृश्य।

लाइटों से जगमगाते द्वारका मंदिर का रात का दृश्य।

कुछ ऐसा रहेगा जन्माष्टमी का कार्यक्रम

उत्थापन दर्शन 5 बजे
उत्थापन भोग 5:30 से 5:45 बजे तक
संध्या भोग 7:30 से 7:45 बजे तक
संध्या आरती 7:45 बजे
शयन भोग 8 से 8:10 बजे तक
शयन आरती 8:30 बजे
शायन अनोसर (मंदिर बंद) रात 9 बजे
जनमाष्टमी महोत्सव के आरती दर्शन रात 12 बजे
अनोसर (मंदिर बंद) रात 2:30 बजे

कीर्तिस्तंभ से लेकर जगत मंदिर तक बैरिकेडिंग

श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए कीर्तिस्तंभ तक पहुंचने बैरिकेंडिग की गई है।

श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए कीर्तिस्तंभ तक पहुंचने बैरिकेंडिग की गई है।

द्वारका के प्रवेश द्वार कीर्तिस्तंभ से लेकर जगत मंदिर तक बैरिकेडिंग की गई है, जिससे कि लोग लाइन में खड़े होकर आराम से भगवान के दर्शन कर सकें। बारी कीटिंग के रास्ते कीर्तिस्तंभ तक पहुंचने के लिए छप्पन सीढ़ियों का रास्ता इस तरह तैयार किया गया है कि श्रद्धालु स्वर्ग द्वार से जगत मंदिर परिसर तक के सभी मंदिरों के दर्शन करते हुए मोक्ष द्वार से बाहर निकल सकें। बुजुर्गों और दिव्यांगों के लिए दर्शन की अलग व्यवस्था की गई है।

जन्माष्टमी पर्व पर जगत मंदिर को कलात्मक रोशनी से सजाया गया है। दस किलोमीटर की दूरी से भी जगतमंदिर रोशनी से जगमगाता नजर आता है। हर साल की तरह इस साल भी जगतमंदिर को मुंबई के जेमी ग्रुप ने रिलायंस के सहयोग से सजाया गया है।

राज्य सरकार के सांस्कृतिक विभाग द्वारा 26 तारीख को रात 8 बजे से पर्यटन मंत्री मुलुभाई बेरा की अध्यक्षता में द्वारका उत्सव 2024 नामक एक सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया जा रहा है। इसके अलावा तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए जगतमंदिर के बाहर एक स्वास्थ्य केंद्र भी शुरू किया गया है।

हर साल देश भर से श्रद्धालु द्वारका में जन्माष्टमी उत्सव का स्वागत करने आते हैं, इस साल भी लाखों श्रद्धालुओं के तीर्थ स्थल पहुंचने की संभावना को देखते हुए रेलवे ने जन्माष्टमी के लिए स्पेशल ट्रेनें चलाई हैं। इसके अलावा गुजरात का एसटी विभाग भी खास रूटों पर अतिरिक्त बसें चला रहा है।

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