50th Pran Pratishtha Mahotsav of Janaki Ballabh Lal | जानकी बल्लभ लाल का 50 वां प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव: धार्मिक अनुष्ठान के मध्य आयोजित हुआ उत्सव – Mathura News

अंतिम दिवस जगदगुरु रामानुजाचार्य परमहंस स्वामी भगवानदासाचार्य महाराज की मूर्ति अनावरण, पुस्तक विमोचन, विद्वत संगोष्ठी एवं ठाकुर श्री जानकी वल्लभ लाल का भव्य फूल बंगला का आयोजन किया गया

मथुरा के वृंदावन में केसी घाट क्षेत्र स्थित ठाकुर श्री जानकी वल्लभ लाल का 50 वां प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव एवं जगदगुरु रामानुजाचार्य परमहंस स्वामी भगवानदासाचार्य महाराज का 25 वां त्रिपाद्विभूती प्राप्ति महोत्सव धूमधाम के साथ सम्पन्न हो गया। इस दौरान वि

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श्रीमद् वाल्मीकीय रामायण कथा का कराया श्रवण

मंदिर के संत गोविंद दास महाराज ने बताया कि ठाकुर जी का स्वर्ण जयंती प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव जगदगुरु रामानुजाचार्य स्वामी अनिरुद्धाचार्य महाराज की अध्यक्षता में विभिन्न कार्यक्रमों के मध्य बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। जिसमें की 9 अगस्त से 17 अगस्त तक प्रातः 10 बजे से दोपहर 1 तक श्रीमद् वाल्मीकीय रामायण कथा जगदगुरु स्वामी अनिरुद्धाचार्य महाराज की मधुर वाणी में भक्तों को श्रवण करायी गयी।

प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में 9 अगस्त से 17 अगस्त तक प्रातः 10 बजे से दोपहर 1 तक श्रीमद् वाल्मीकीय रामायण कथा का श्रवण कराया गया

प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में 9 अगस्त से 17 अगस्त तक प्रातः 10 बजे से दोपहर 1 तक श्रीमद् वाल्मीकीय रामायण कथा का श्रवण कराया गया

विश्ववेश प्रपन्नाचार्य महाराज की अध्यक्षता में आयोजित हुई विद्वत गोष्ठी

11 दिवसीय कार्यक्रम के अंतिम दिवस जगदगुरु रामानुजाचार्य परमहंस स्वामी भगवानदासाचार्य महाराज की मूर्ति अनावरण, पुस्तक विमोचन, विद्वत संगोष्ठी एवं ठाकुर श्री जानकी वल्लभ लाल का भव्य फूल बंगला का आयोजन किया गया। सायंकाल विद्वत गोष्ठी सुग्रीव किला अयोध्या से पधारे विश्ववेश प्रपन्नाचार्य महाराज की अध्यक्षता में आयोजित की गई। श्रीधाम वृंदावन के सुप्रसिद्ध संतों महंतों ने स्वामी भगवानदासाचार्य महाराज के बारे में अपने-अपने विचार रखें।

विद्वत गोष्ठी सुग्रीव किला अयोध्या से पधारे विश्ववेश प्रपन्नाचार्य महाराज की अध्यक्षता में आयोजित की गई

विद्वत गोष्ठी सुग्रीव किला अयोध्या से पधारे विश्ववेश प्रपन्नाचार्य महाराज की अध्यक्षता में आयोजित की गई

स्वामी भगवान दासाचार्य को थी रामायण और श्री मद्भागवत कंठस्थ

नाभापीठाधीश्वर सुतीक्ष्ण दास महाराज ने कहा कि महाराज श्री रामायण के प्रकांड विद्वान थे। उन्हें रामायणी के नाम से भी जाना जाता था। उन्होंने जीवन भर मानस की सेवा ज्ञान प्राप्त करने पर जोर दिया। आचार्य कुटी के राम प्रपन्नाचार्य महाराज ने कहा कि ऐसे संत कभी-कभी ही जन्म लेते हैं। महाराज श्री परम विद्वान एवं तपस्वी संत थे। वे ज्ञान का भंडार थे। श्रीमद् भागवत एवं रामायण जी उन्हें कंठस्थ थे।

ठाकुर श्री जानकी वल्लभ लाल का भव्य फूल बंगला का आयोजन किया गया

ठाकुर श्री जानकी वल्लभ लाल का भव्य फूल बंगला का आयोजन किया गया

भंडारा के साथ हुआ कार्यक्रम का समापन

विद्वत गोष्ठी में रत्नेश, बद्रीश प्रपन्नाचार्य, राम दास, रघुनाथचार्य महाराज, अनंताचार्य, रमेश शास्त्री, देशराज गर्ग, मुकेश चंद्र शास्त्री मारुति नंदन आचार्य आदि अनेक महानुभावों ने अपने-अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम का समापन विशाल भंडारे के साथ हुआ। जिसमें सैकड़ो साधु संतों एवं भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया।

यह रहे उपस्थित

कार्यक्रम में महेश चंद्र अग्रवाल, राम अवतार नारसरिया, घनश्याम दास शर्मा, गौरी शंकर शाबू, अनूप अग्रवाल, बाल किशन गुप्ता, श्याम बाबू अग्रवाल, मोहित , उदित अग्रवाल, राम नारायण पुजारी, रघुनाथचार्य महाराज, मुकेश शास्त्री, राम धनी, सत्यव्रत शास्त्री, गोवर्धन आचार्य,सुधीर गौतम, मुकुंद शास्त्री, ई एस मुकुन्दन, श्रीनिवास, राम भद्र, अंकित आदि उपस्थित रहे।

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