50,000 people gather in Philippines to protest against corruption | फिलीपींस में भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रदर्शन, 50 हजार लोग जुटे: प्रदर्शनकारियों ने शीशे तोड़े, फायर बम फेंके, 200 लोग गिरफ्तार; 70 पुलिसकर्मी घायल


8 घंटे पहले

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फिलीपींस में रविवार को लोगों ने भ्रष्टाचार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़प हुई। - Dainik Bhaskar

फिलीपींस में रविवार को लोगों ने भ्रष्टाचार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़प हुई।

फिलीपींस की राजधानी मनीला में रविवार को भ्रष्टाचार के खिलाफ 50 हजार से ज्यादा लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़प हुई। लोगों ने पुलिस पर पत्थर, बोतलें और फायर बम फेंके।

न्यूज एजेंसी AFP के मुताबिक, पुलिस ने अब तक 200 लोगों को गिरफ्तार किया है। इस हिंसा में करीब 70 पुलिसकर्मी घायल हुए।

कुछ प्रदर्शनकारियों ने सड़कों पर नारे लिखे, खंभे गिराए, शीशे तोड़े और एक होटल में तोड़फोड़ की। पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए आंसू गैस का छोड़े। प्रदर्शनकारियों ने सांसदों और अधिकारियों पर बाढ़ राहत से जुड़े प्रोजेक्ट्स में घूसखोरी करने का आरोप लगाया है।

सरकार का अनुमान है कि पिछले दो सालों में भ्रष्टाचार से देश को लगभग 83 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। जबकि, ग्रीनपीस नामक NGO ने दावा किया है कि ये नुकसान 1.3 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा है।

प्रदर्शन के 5 फोटोज देखें…

फिलीपींस की राजधानी मनीला में रविवार को 50 हजार से ज्यादा लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया।

फिलीपींस की राजधानी मनीला में रविवार को 50 हजार से ज्यादा लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया।

लोगों ने भ्रष्टाचार के खिलाफ नारे लगाए। पोस्टर के जरिए गुस्सा जाहिर किया।

लोगों ने भ्रष्टाचार के खिलाफ नारे लगाए। पोस्टर के जरिए गुस्सा जाहिर किया।

कुछ प्रदर्शनकारियों ने दुकानों और होटलों में तोड़फोड़ की।

कुछ प्रदर्शनकारियों ने दुकानों और होटलों में तोड़फोड़ की।

विरोध प्रदर्शन में छोटे बच्चों ने भी पोस्टर लेकर अपने भविष्य को बचाने की मांग की।

विरोध प्रदर्शन में छोटे बच्चों ने भी पोस्टर लेकर अपने भविष्य को बचाने की मांग की।

प्रदर्शन के दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़प हुई।

प्रदर्शन के दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़प हुई।

प्रदर्शनकारी बोले- हमारे पैसे लौटाओ, दोषियों को जेल भेजो

यह घोटाला जुलाई में सामने आया था। जब मॉनसून और तूफानों ने कई शहरों को नुकसान पहुंचाया, जिससे 1 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए थे। फिलीपींस में हर साल औसत 20 तूफान आते हैं। जो इसे प्राकृतिक आपदाओं के लिए सबसे संवेदनशील देशों में से एक बनाता है।

मनीला के एक पार्क में सुबह के प्रदर्शन में शामिल हुए 58 साल के मैनुअल डेला सेर्ना ने कहा- ये लोग जनता का पैसा लूट रहे हैं। बाढ़ में लोगों के घर बह रहे हैं, जबकि अधिकारी प्राइवेट जेट में उड़ते हैं और आलीशान बंगलों में रहते हैं।

प्रदर्शनकारी लूटे गए पैसे की वापसी और दोषियों को जेल भेजने की मांग कर रहे हैं। प्रदर्शन ज्यादातर शांतिपूर्ण रहे, लेकिन कुछ इलाकों में हिंसक झड़पें हुईं। पुलिस प्रवक्ता मेजर हेजल असिलो ने कहा- यह क्लियर नहीं है कि गिरफ्तार लोग प्रदर्शनकारी थे या सिर्फ उपद्रव करने वाले।

एक स्टूडेंट अल्थिया त्रिनिदाद ने मीडिया से कहा कि- हम गरीबी में जी रहे हैं, हमारे घर और भविष्य छिन रहे हैं, लेकिन ये लोग हमारे टैक्स के पैसों से महंगी गाड़ियां और विदेश यात्राएं कर रहे हैं।

राष्ट्रपति बोले- मैं भी गुस्से में हूं

फिलीपींस के राष्ट्रपति फर्डिनेंड मार्कोस जूनियर ने जुलाई में इस घोटाले का खुलासा किया और एक जांच आयोग गठित किया। मार्कोस जूनियर ने वादा किया है कि इस घोटाले की जांच में कोई नहीं बचेगा।

इस घोटाले के बाद सीनेट अध्यक्ष फ्रांसिस एस्कुडेरो और हाउस स्पीकर मार्टिन रोमुअल्डेज, जो मार्कोस के चचेरे भाई हैं, इस्तीफा दे चुके हैं।

नेपाल और इंडोनेशिया में भी हुए थे हिंसक प्रदर्शन

फिलीपींस का यह आंदोलन दूसरे देशों में भ्रष्टाचार और असमानता के खिलाफ हाल के प्रदर्शनों की तरह है। नेपाल में इस महीने Gen-z के नेतृत्व में हुए आंदोलन ने सरकार को उखाड़ फेंका था। वहीं, इंडोनेशिया में सांसदों को मिले विशेषाधिकारों के खिलाफ भी विरोध प्रदर्शन हुआ था।

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