आधार कार्ड चुराकर 1800 बैंक खाते खुलवाने वाले अंतरराज्यीय गिरोह के सरगना शशिकांत कुमार ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। गिरोह ने खातों में बच्चों का आधार कार्ड भी उपयोग किया। शुरुआती जांच में 400 से ज्यादा बच्चों के आधार कार्ड से खाते खुलवाने की जानका
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थाना प्रभारी अवधेश भदौरिया ने बताया कि शशिकांत कुमार को रविवार को कोर्ट में पेश किया गया। उसे 20 नवंबर तक पुलिस रिमांड पर लिया गया है। पूछताछ में पता चला है गिरोह के 7 लोगों के चेहरों पर 500 से ज्यादा फर्जी खाते खुल गए। इनमें आधार अलग हैं, पर चेहरे 7 के ही हैं। पकड़ में न आएं, इसलिए ये लोग बैंक की सभी ब्रांच और कियोस्क पर जाकर खाते खुलवाते थे।
आरोपियों से 7 डायरियां मिलीं… इनमें खाते खरीदने वालों के नाम, एक खाता 10 हजार में बेचते थे
आधार देने वाले डाकिये की तलाश गिरोह से 7 डायरियां जब्त की गई हैं। इनमें खाते खरीदने वालों के नाम भी हैं। पूछताछ में शशिकांत ने खुलासा किया कि उसने कई गिरोह के साथ रहकर यह काम सीखा। पुलिस शशिकांत का बैकग्राउंड खंगाल रही है। सही पते पर नहीं पहुंचने वाले आधार इस गिरोह को देने वाले झारखंड के डाकिये की भी तलाश में पुलिस जुट गई है।
आधार देने वाले डाकिये की तलाश गिरोह से 7 डायरियां जब्त की गई हैं। इनमें खाते खरीदने वालों के नाम भी हैं। पूछताछ में शशिकांत ने खुलासा किया कि उसने कई गिरोह के साथ रहकर यह काम सीखा। पुलिस शशिकांत का बैकग्राउंड खंगाल रही है। सही पते पर नहीं पहुंचने वाले आधार इस गिरोह को देने वाले झारखंड के डाकिये की भी तलाश में पुलिस जुट गई है।
200 खातों के दस्तावेज तैयार थे सरगना ने पुलिस को बताया कि खाता खुलवाने में 2 से 3 दिन का समय लगता था। 15 दिन बाद उसके पास एटीएम कार्ड आ जाता था। एटीएम आते ही खाता बेच देता था। गिरोह के पास से जब्त दस्तावेजों से पता चला है कि गिरोह 200 बैंक खाते खुलवाने की तैयारी में था। इसके लिए फर्जी दस्तावेज तैयार कर लिए गए थे।