जयपुर मेट्रो-द्वितीय के डीजे व डीएलएसए के अध्यक्ष चन्द्रप्रकाश श्रीमाली के निर्देश पर जयपुर मेट्रो-द्वितीय के मीडिएशन सेंटर की इंचार्ज व एडीजे डॉ.रूबीना परवीन अंसारी, डीएलएसए की सचिव पल्लवी शर्मा व डीएलएसए की मध्यस्थ अधिवक्ता प्रभा अग्रवाल के संयुक्त
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इन मामलों में पक्षकारों के बीच विवाद पैदा होने पर 1975 में केसों की ट्रायल शुरू हुई। रालसा के निर्देश पर डीएलएसए की मध्यस्थ प्रभा अग्रवाल, पक्षकारों के अधिवक्ता भरत सिंह व अप्रार्थियों के अधिवक्ता लक्ष्मीकांत ने मिलकर इन केसों का निस्तारण मध्यस्थता से करवाए जाने के प्रयास किए।
डीएलएसए मेट्रो-द्वितीय की सचिव पल्लवी शर्मा ने बताया कि मध्यस्थता के माध्यम से बिना किसी झगडे के मामलों में दोनों पक्षों के बीच समझौता हो जाता है। यह समझौता दोनों पक्षों की सहमति से होता है, इसलिए इसकी अपील भी नहीं हो सकती और इसी स्तर पर मामले का निस्तारण हो जाता है। मध्यस्थता के जरिए केसों के निस्तारण से कोर्ट में केसों के भार में भी कमी आ रही है।