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पंजाब सरकार ई-गवर्नेंस को लेकर लगातार काम कर रही है। लेकिन सुविधा केंद्रों में लोगों को लगातार मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। जालंधर में कुल 35 सेवा केंद्र हैं, जिनमें टाइप 1 सेवा केंद्र जिला प्रशासकीय कांप्लेक्स के अंदर बना हुआ है। इसमें 20 के करीब काउंटर हैं।
टाइप-2 सेवा केंद्रों की संख्या 25 है। इनमें 5 कंप्यूटर होते हैं। जबकि, टाइप-3 सेवा केंद्रों की संख्या 9 है, जिनमें 3 कंप्यूटर लगे हैं। इन सेवा केंद्रों में कुल 435 तरह की सेवाएं दी जा रही हैं। चुनावों के दौर में सेवा केंद्रों में मुलाजिमों से लेकर लोगों की परेशानी बढ़ती जा रही है। सेवा केंद्र में डिस्ट्रिक्ट मैनेजर का खाली चल रहा है।
पिछले महीने डीएम हरप्रीत सिंह को कपूरथला में शिफ्ट किया गया है। जिनकी जगह पर होशियारपुर से नए डीएम की नियुक्त की गई है। मगर बड़ा जिला होने के चलते काम करवाने वालों की संख्या हजारों में है। रोजाना दर्जनों ऐसे लोग हैं, जिनके डॉक्यूमेंट को लेकर परेशानी होती है।
काउंटर पर रिजेक्ट होने के बाद उन्हें समझाने के लिए कोई अधिकारी मौजूद नहीं है। जालंधर के सभी सेवा केंद्रों में 2500 से 3000 के करीब लोगों की अलग-अलग कार्यों को लेकर ट्रांजेक्शन होती है। इनमें 600 प्लस सिर्फ टाइप-1 सेवा केंद्र से है। पिछले साल बीएलएस कंपनी की जगह पर टैरासिस सिटीजन सर्विसिस लिमिटेड कंपनी अब सेवा केंद्रों का काम देख रही है।
बुधवार को भास्कर टीम द्वारा ग्राउंड रिर्पोट की गई। जिला प्रशासकीय कांप्लेक्स के अंदर टाइप-1 सेवा केंद्र में दोपहर 12 बजे काफी भीड़ थी। काउंटर के पास खड़े लोग अपनी बारी आने का इंतजार कर रहे थे। लोगो का सबसे ज्यादा समय आधार कार्ड के काउंटर पर लग रहा था। इस दौरान लोग एक दूसरे से काम धीमे होने की समस्या को लेकर बातें करते हुए दिखाई दिए।
अंकित मिश्रा ने कहा कि काम बेहद ही धीरे हो रहा हैं। अब पता नहीं यह कर्मचारियों का आलस है या फिर सिस्टम ही धीमा चलता हैं। शायद सुविधा केंद्र में नए कर्मचारी भर्ती होने के चलते वह भी काम को लेकर उलझे हुए हैं। ऐसे में काम की गति प्रभावित होती है। मैं यहां एसडबल्यूई सर्टिफिकेट के लिए दस्तावेज देने के लिए आया था। काम धीरे होने के कारण काफी दिक्कत आई।
वहीं रेशम लाल ने कहा कि कोई सिस्टम ही नहीं हैं। पहले टोकन के लिए जल्दी आकर लंबी लाइन में खड़े रहना पड़ता हैं। फिर अपने समय का इंतजार करना पड़ता हैं। सुबह के बैठे लोगो का समय दोपहर को आता हैं, ऐसे में पुरे प्रोसेस को पूरा होने में शाम हो जाती है। ऐसे में हम अपनी तकलीफ किसको बताए? दस्तावेज कम होने पर इधर-उधर चक्कर लगवाते हैं।
इसके अलावा आधार कार्ड का काम करवाने आए लव ने कहा कि मैं अपने दोस्त के साथ आया हूं। सुबह से अपनी बारी का इंतजार कर रहे है, पहले टोकन की लंबी लाईनें, फिर काउंटर पर लंबी लाइनों में लगना पड़ रहा है। आधार कार्ड काउंटर पर ज्यादा समय लग रहा है। जबकि, बाकी काउंटरों पर इतना समय नहीं लग रहा है।
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