2G spectrum Case | Congress Slams BJP seeking permission from Supreme Court give spectrum without auction | कांग्रेस बोली- भाजपा के पाखंड की सीमा नहीं: पहले 2G स्पेक्ट्रम आवंटन को घोटाला कहा, अब खुद ही नीलामी सिस्टम हटाना चाहती है

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नई दिल्ली54 मिनट पहले

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कांग्रेस ने केंद्र सरकार की 2G स्पेक्ट्रम पर सुप्रीम कोर्ट से फैसले में बदलाव की मांग को पाखंड बताया है। कांग्रेस का कहना है कि भाजपा के पाखंड की कोई सीमा नहीं है, क्योंकि एक तरफ उसने UPA सरकार में हुए 2जी स्पेक्ट्रम के सरकारी आवंटन को घोटाला कहा था। वहीं, दूसरी तरफ अब नरेंद्र मोदी सरकार नीलामी के बिना स्पेक्ट्रम देने के लिए सुप्रीम कोर्ट से अनुमति मांग रही है।

कांग्रेस का यह बयान तब आया है जब केंद्र सरकार ने 22 अप्रैल को 2G स्पेक्ट्रम मामले में अपने फैसले में बदलाव के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि देश के प्राकृतिक संसाधनों को हैंडओवर या अलग करते समय नीलामी का रास्ता अपनाना राज्य का कर्तव्य है।

कांग्रेस के केंद्र सरकार पर आरोप…

  • कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि मोदी सरकार और भ्रष्ट जनता पार्टी का पाखंड कोई सीमा नहीं रखता। डॉ. मनमोहन सिंह के कार्यकाल के दौरान उन्होंने हर किसी से कहा कि 2जी स्पेक्ट्रम का प्रशासनिक आवंटन एक घोटाला था। अब, वे इससे उलट तर्क दे रहे हैं। वे नीलामी के बिना, जिसे चाहें स्पेक्ट्रम देने की अनुमति के लिए सुप्रीम कोर्ट गए हैं।
  • मोदी सरकार पहले से ही पब्लिक प्रॉपर्टीज को PM के पूंजीपति मित्रो को सौंपती जा रही है। एयरपोर्ट्स एक कंपनी को सौंप दिए। कोयला खदानों की धोखे से नीलामी कर दी। यहां तक ​​कि सैटेलाइट स्पेक्ट्रम को चुनावी बॉन्ड में 150 करोड़ रुपए के बदले सौंप दिया गया है।
  • रमेश ने यह भी आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने कुल 4 लाख करोड़ रुपए के सार्वजनिक संसाधन अपने कॉर्पोरेट डोनर्स को सौंप दिए हैं।

4 जून को जनता सरकार को बाहर का रास्ता दिखा देगी- रमेश
कांग्रेस नेता ने कहा कि इंडी ब्लॉक सरकार सत्ता में आने पर अडानी मेगा घोटाले पर एक संयुक्त संसदीय समिति का गठन करेगी। साथ ही पे पीएम घोटाले समेत इन सभी घोटालों की जांच करेगी। जिसके जरिए भाजपा ने 8200 करोड़ रुपए जमा किए। 4 जून को भारत के मतदाता संगठित लूट की इस पार्टी को बाहर का रास्ता दिखा देंगे। सात चरणों में होने वाले लोकसभा चुनावों के लिए मतदान 19 अप्रैल से शुरू हुआ था। वोटों की गिनती 4 जून को होगी।

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में क्या आवेदन दिया था
दरअसल, केंद्र की ओर से पेश अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने CJI चंद्रचूड़ और जस्टिस जे बी पारदीवाला की बेंच में एक आवेदन दिया था। इस पर तुरंत सुनवाई की मांग की गई थी। बेंच को बताया गया था कि याचिका में 2012 के फैसले में संशोधन की मांग की गई है क्योंकि केंद्र सरकार कुछ मामलों में 2G स्पेक्ट्रम लाइसेंस देना चाहता है। हालांकि, बाद में एक सूत्र ने यह दावा किया था कि सरकार 2012 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले को बदलने की मांग नहीं कर रही है।

2G स्पेक्ट्रम केस में क्या था सुप्रीम कोर्ट का फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने 2 फरवरी 2012 को दिए गए अपने फैसले में जनवरी 2008 में दूरसंचार मंत्री ए राजा के कार्यकाल के दौरान अलग-अलग फर्मों को दिए गए 2G स्पेक्ट्रम लाइसेंस को रद्द कर दिया था।

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