पिछले छह साल में जिले में आयुष्मान कार्ड के लक्ष्य को पूरा नहीं किया जा सका है। जिले में निर्धारित लक्ष्य के अनुसार अभी तक सिर्फ 27 प्रतिशत लोगों का ही आयुष्मान भारत कार्ड बन सका है। सरकार ने पूर्णिया जिले को 31 लाख लोगों का आयुष्मान भारत कार्ड बनान
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अभी भी 22.50 लाख लोगों का कार्ड नहीं बना है। कितने लोगों को इसका लाभ मिला है, इसका डेटा अभी आना बाकी है। सरकार ने जो लोगों को स्वास्थ्य सुविधा का लाभ देने का लक्ष्य दिया था। यह काफी चिंताजनक है। कई लोग ऐसे भी हैं, जिनके पास राशन कार्ड, आधार कार्ड, वोटर कार्ड सहित अन्य कई दस्तावेज हैं। उन लोगों को यह पता नहीं है कि राशन कार्ड वालों को आयुष्मान भारत योजना का लाभ मिलता है। वैसे जिले में सूचीबद्ध आयुष्मान भारत के अस्पतालों में ज्यादातर आंख व कान के अस्पताल को ही इलाज की सुविधा दी गई है। आयुष्मान भारत योजना के तहत बनने वाले आयुष्मान भारत कार्ड की विशेषता यह है कि इससे मरीज को 5 लाख तक की मुफ्त में स्वास्थ्य सुविधा मिलती है। सरकार द्वारा निबंधित व अनुशंसित किसी भी सरकारी या प्राइवेट अस्पताल में इसका लाभ मिल सकता है। इसके लिए लाभुक को किसी भी सीएससी सेंटर से अपना राशन कार्ड दिखाकर कार्ड बनवाना होगा।
शिविर लगाकर बनवाया जा रहा लाभार्थियों का कार्ड सरकार ने सभी उम्र में लोगों को आयुष्मान भारत योजना का लाभ मिल सके, इसके लिए भी व्यवस्था की है। पहले तो सिर्फ जिनके पास राशन कार्ड उपलब्ध है। उनको ही इस योजना का लाभ मिलता था। अब बुजुर्ग लोगों को भी योजना का लाभ देने की तैयारी की गई है। 70 साल या इससे अधिक उम्र के लोगों को राशन कार्ड होना जरूरी नहीं है। इसके लिए सिर्फ भारतीय नागरिकता होना जरूरी है। जिन बुजुर्गों के पास आधार कार्ड है, उनको इस योजना का लाभ मिलेगा। इसके लिए सभी आयुष्मान भारत के काउंटर पर इसकी सुविधा दी गई है। कई बुजुर्ग ने तो अपना कार्ड बनवा लिया है। इस कार्ड से अब बिना राशनकार्ड धारी बुजुर्ग भी पांच लाख तक के स्वास्थ्य सेवा मुफ्त में ले सकते हैं। सरकार ने बुजुर्गों के लिए यह तीसरा बड़ा तोहफा दिया है।
लक्ष्य पूरा करने के लिए किया जा रहा प्रयास ^जिले में 31 लाख लोगों का आयुष्मान भारत कार्ड बनाने का लक्ष्य दिया गया है। इसमें अब तक 8.50 लाख लोगों का कार्ड बन चुका है। बांकी के लोगों को भी कार्ड बनाने का काम जारी है। अभी 70 साल या इससे अधिक उम्र के बुजुर्ग का आयुष्मान भारत कार्ड बनाने का काम जारी है। नीलांबर कुमार, जिला कार्यक्रम समन्वयक, पूर्णिया