परियोजना का प्रारूप तैयार होने के बाद नोएडा प्राधिकरण इसे बोर्ड में रखकर मंजूरी लेगा।
नोएडा में वायबिलिटी गैप फंड (वीजीएफ ) मॉडल पर ई बसों का संचालन किया जाएगा। इससे न तो प्राधिकरण को घटा होगा और न ही बस संचालन करने वाली कंपनी को। प्राधिकरण के सीईओ लोकेश एम ने बताया कि वीजीएफ का मतलब गैप को भरने से है।
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बसों के किराए से कमाई और खर्च के बीच का अंतर वीजीएफ (वायबिलिटी गैप फंडिंग) का प्रति महीने तीनों प्राधिकरण अपने-अपने हिस्से का भुगतान करेंगे। यह 9 करोड़ रुपए या इससे ज्यादा प्रति महीने रहने का अनुमान है। इसमें सबसे ज्यादा वित्तीय भार नोएडा पर होगा। परियोजना का प्रारूप तैयार होने के बाद नोएडा प्राधिकरण इसे बोर्ड में रखकर मंजूरी लेगा।
नोएडा सिटी बस होगा कंपनी का नाम इसकी वजह ये है कि नोएडा में सबसे ज्यादा बस रूट और बसों की संख्या यही पर ज्यादा होगी। बता दे ई- बस सेवा को लेकर तीनों प्राधिकरण की एक बैठक हुई थी।। इस बैठक में संचालन कंपनी बनाए जाने और भुगतान को लेकर चर्चा हुई है। नोएडा-ग्रेटर-नोएडा और यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में सिटी बस संचालन के लिए कंपनी का गठन होगा। कंपनी का नाम संभावित नोएडा सिटी बस होगा। इसमें तीनों ही प्राधिकरण के एसीईओ शामिल किए जाएंगे।
जनपद में 24 रूट पर 500 बस चलेंगी सिटी बस सेवा को लेकर जो प्रारूप तैयार हुआ है। उसमें नोएडा में 13 रूट पर 257, ग्रेटर नोएडा में 9 रूट पर 196, यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में दो रूटों पर 52 ई-बसें चलना प्रस्तावित हैं। पिछले दिनों मुख्य सचिव स्तर की बैठक में तीनों प्राधिकरण शामिल हुए थे।
एयरपोर्ट शुरू होने से पहले बसों का संचालन शासन की तैयारी यह है कि जेवर में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट चालू होने से पहले जिले के तीनों प्राधिकरण क्षेत्र में सिटी बस सेवा शुरू करवाई जाए। एयरपोर्ट के साथ तीनों प्राधिकरण क्षेत्र की कनेक्टिविटी के लिए यह सेवा जरूरी भी है। मौजूदा समय में 2020 से नोएडा में कोई सार्वजनिक परिवहन सेवा नहीं है। इस बार शासन स्तर से ही तीनों प्राधिकरण क्षेत्र में सिटी बस सेवा की तैयारी है। टेंडर भी शासन से होना है।
पीएम ई बस सेवा का किया जा रहा प्रयास प्राधिकरण चाहता है कि इन बसों की योजना को पीएम ई बस योजना से जोड़ा जाए। ताकि प्राधिकरण को रिबेट मिल सके। इससे प्राधिकरण पर वीजीएफ के भार में और कमी आ जाएगी। क्योंकि पीएम ई बस सर्विस योजना में वीजीएफ का काफी पैसा सेंटर गवर्नमेंट देती है। इसको लेकर अधिकारियों में मंत्रणा की जा रही है।