2,238 students will appear in the National Scholarship Examination | राष्ट्रीय छात्रवृत्ति परीक्षा में 2,238 विद्यार्थी होंगे शामिल: एग्जाम के लिए बनाए गए 4 केंद्र,  डीएम और एसपी को निगरानी की जिम्मेदारी – Nalanda News

बिहार शरीफ के चार सेंटर पर होगी परीक्षा

राष्ट्रीय आय सह मेधा छात्रवृत्ति परीक्षा के लिए नालंदा जिले में व्यापक तैयारियां की गई हैं। कल 19 जनवरी को होने वाली इस महत्वपूर्ण परीक्षा में कुल 2,238 प्रतिभाशाली विद्यार्थी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे।

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शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव ने परीक्षा की निष्पक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए विशेष दिशा-निर्देश जारी किए हैं। जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक और जिला शिक्षा पदाधिकारी को भेजे गए पत्र में कदाचार-मुक्त माहौल में परीक्षा संपन्न कराने का स्पष्ट निर्देश दिया गया है।

परीक्षा के लिए 4 प्रमुख केंद्र स्थापित किए गए हैं। बिहार टाउन टाउन हाई स्कूल में 615, आदर्श हाई स्कूल में 615, एसएस गर्ल्स हाई स्कूल में 570 और जवाहर कन्या हाई स्कूल में 43 परीक्षार्थी परीक्षा में सम्मिलित होंगे। केंद्राधीक्षकों को किसी भी प्रकार की गड़बड़ी के लिए जिम्मेदार ठहराया जाएगा, जबकि परीक्षा की समग्र निगरानी डीएम और एसपी को सौंपी गई है।

यह छात्रवृत्ति योजना आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के मेधावी छात्रों के लिए एक वरदान साबित हो रही है। प्रतिवर्ष एक लाख नई छात्रवृत्तियां प्रदान की जाती हैं, जिसमें चयनित छात्रों को 10वीं से 12वीं कक्षा तक प्रतिवर्ष 12,000 रुपए की छात्रवृत्ति दी जाती है।

2238 छात्र परीक्षा में होंगे शामिल।

2238 छात्र परीक्षा में होंगे शामिल।

31 जनवरी तक आपत्ति दर्ज कर सकते

प्रवेश पत्र 13 जनवरी से इंटरनेट के माध्यम से डाउनलोड किए जा रहें हैं और परीक्षा के बाद 25 जनवरी को प्रोविजनल आंसर शीट जारी की जाएगी। छात्रों को आपत्तियां दर्ज कराने के लिए 31 जनवरी तक का समय दिया गया है।

परीक्षा में सम्मिलित होने के लिए सामान्य वर्ग के छात्रों को 7वीं कक्षा में न्यूनतम 55 प्रतिशत अंक, जबकि अनुसूचित जाति/जनजाति के छात्रों के लिए 50 प्रतिशत अंक आवश्यक हैं। परीक्षा दो पालियों में आयोजित की जाएगी। पहली पाली में मानसिक योग्यता परीक्षा और दूसरी पाली में शैक्षिक योग्यता परीक्षा।

यह परीक्षा न केवल छात्रों के लिए आर्थिक सहायता का माध्यम है, बल्कि उनके शैक्षिक भविष्य को सुदृढ़ करने की एक महत्वपूर्ण पहल भी है। इससे प्रतिभाशाली छात्रों को 8वीं कक्षा के बाद भी अपनी शिक्षा जारी रखने में मदद मिलेगी।

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