अलकायदा इन इंडियन सबकान्टिनेंट मॉड्यूल का सरगना डॉ इश्तियाक अहमद है। इसकी गिरफ्तारी साल 2023 में हो चुकी है।
अलकायदा इन इंडियन सबकान्टिनेंट मॉड्यूल की एक्टिविटी झारखंड में बीते दो साल में बढ़ी है। झारखंड एटीएस और दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल लगातार इनकी गतिविधियों पर नजर रखते हुए उन्हें गिरफ्तार भी कर रही है। शुक्रवार को ऐसे ही एक संदिग्ध शाहबाज की गिरफ्तारी ल
.
ऐसा नहीं है कि झारखंड में आतंकी संगठनों का कनेक्शन नया-नया सामने आया है। झारखंड में न केवल अलकायदा इन इंडियन सबकान्टिनेंट मॉड्यूल की एक्टिविटी रही है बल्कि यहां से लश्कर-ए-तोएबा, आईएसआईएस, अलकायदा, सिम्मी, इंडियन मुजाहिद्दीन जैसे अंतरराष्ट्रीय स्तर के आतंकी संगठनों से जुड़े लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। झारखंड से आतंकी संगठनों का कनेक्शन 20 साल पुराना है।
हजारीबाग से सामने आया था लश्कर कनेक्शन
आतंकी संगठन का पहला कनेक्शन 28 जनवरी 2002 को सामने आया था। यहां उन आतंकियों को मार गिराया था जिनके हाथ 22 जनवरी 2002 को कोलकाता में अमेरिकन सूचना केंद्र पर हुए हमले में था। इन दो आतंकियों को हजारीबाग के सदर थाना क्षेत्र के खिरगांव मुहल्ले में 28 जनवरी 2002 को मारा गया था। मारे गए आतंकियों के नाम इदरीश और सलीम था।
इदरीश की मौत घटनास्थल पर ही हो गई। जबकि सलीम ने अस्पताल में दम तोड़ा। उसने इलाज के दौरान पुलिस को बयान दिया था कि दोनों पाकिस्तानी हैं। लश्कर-ए-तोएबा संगठन के लिए काम करते थे। उन्होंने पुलिस को यह भी बताया कि कोलकाता में 22 जनवरी 2002 को हुए अमेरिकन सूचना केंद्र पर हमला करने में उनका हाथ था।
रांची, जमशेदपुर, हजारीबाग, लोहरदगा सेंटर
बीते दो दशक में राज्य में हुई आतंकियों की गिरफ्तारी के लोकेशन बताते हैं कि रांची, जमशेदपुर, हजारीबाग और लोहरदगा ऐसे क्षेत्र हैं, जिसे आतंकी संगठनों ने सेंटर बनाया था। बीते दो साल में अलकायदा इन इंडियन सबकान्टिनेंट मॉड्यूल के जितने भी आतंकी अरेस्ट किए गए हैं, उनकी गिरफ्तारी इन्हीं जिलों से की गई है। एटीएस के आंकड़े के मुताबिक शुक्रवार को अलकायदा इन इंडियन सबकान्टिनेंट मॉड्यूल शाहबाज की गिरफ्तारी के बाद से अब तक 11 संदिग्धों को अरेस्ट किया गया है। इन 11 में आधे से अधिक झारखंड से हैं।
जमशेदपुर से आतंकियों का पुराना कनेक्शन
जमशेदपुर से आतंकी संगठन का पुराना कनेक्शन सामने आ चुका है। शहर में अलकायदा, सिम्मी, इंडियन मुजाहिद्दीन, लश्कर ए तैयबा जैसे संगठनों से जुड़े लोग रह रहे थे। जिन्हें अलग-अलग समय में गिरफ्तार किया गया है। वहीं अंडरवर्ल्ड सरगना दाउद इब्राहिम के गिरोह का भी कनेक्शन आ चुका है।
बात गिरफ्तारियों की करें तो गुजरात एटीएस ने 25 दिसंबर 2020 को मानगो सहारा सिटी से अब्दुल माजिद कुट्टी को अरेस्ट किया गया था। वहीं लंदन एयरपोर्ट ब्लास्ट में मारे गए मो कफिल और उसके भाई सबिल का भी कनेक्शन मानगो क्षेत्र से रहा है।
अलकायदा से जुड़े धातकीडीह निवासी मो सामी, आजादनगर क्रास रोड नंबर 12 निवासी मो कलीमुद्दीन मुजाहिरी, नसीम अख्तर, धातकीडीह निवासी म. मोनू, अब्दुल रहमान कटकी समेत कई लोगों को दिल्ली की स्पेशल सेल और झारखंड एटीएस ने अरेस्ट किया। दिल्ली के सलीमपुर से अलकायदा के भारत प्रमुख मो आसिफ को गिरफ्तार किया गया था। उसकी बहन भी मानगो में रहती थी।
कैसे बना आतंकी संगठन AQIS
अल-कायदा इन इंडियन सब-कॉन्टिनेंट( AQIS) की शुरुआत 2014 में पूर्व अल-कायदा चीफ अयमान अल-जवाहिरी ने की थी। पाकिस्तान मूल का असीम उमर इसका शुरुआती सदस्य था। तब अल-जवाहिरी की तरफ से एक वीडियो भी सामने आया था, जिसमें उसने भारत के खिलाफ जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों की बात कही थी।
अब इसकी अगुआई ओसामा महमूद कर रहा है, जो पाकिस्तान मूल का बताया जाता है। US-अफगान मिलिट्री ऑपरेशन में उमर मारा गया था। इसके बाद 2019 में महमूद ने इसकी बागडोर अपने हाथ में ले ली थी। रिपोर्ट के मुताबिक, इंडियन सब-कॉन्टिनेंट में अल-कायदा के एक संगठन AQIS (अल-कायदा इन इंडियन सब-कॉन्टिनेंट) के 200 लड़ाके मौजूद हैं।
इनका लीडर आतंकी ओसामा महमूद है। वहीं अफगानिस्तान में इस संगठन के 400 लड़ाके हैं। UN के एक मेंबर स्टेट ने दावा किया है कि AQIS क्षेत्र में ISIS के खोरासान प्रोविंस (ISIL-K) से जुड़ने के लिए तैयार है।