20 years imprisonment for accused of molestation and blackmail. Fine imposed, photos of minor were shared on social media | छेड़छाड़ और ब्लैकमेल के आरोपी को 20 साल की जेल: 50 हजार रुपए जुर्माना लगाया, सोशल मीडिया पर शेयर किए थे नाबालिग के फोटो – Sirohi News


कोर्ट ने नाबालिग से छेड़छाड़, अश्लील फोटो लेने और ब्लैकमेल करने के आरोपी को 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है।

सिरोही पॉक्सो कोर्ट के विशिष्ठ न्यायाधीश अनूप कुमार पाठक ने नाबालिग से छेड़छाड़, अश्लील फोटो लेने और ब्लैकमेल करने के आरोपी को दोषी करार देते हुए 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही 50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है।

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विशिष्ट लोक अभियोजक मोहन सिंह देवड़ा के अनुसार सिरोही जिले के एक पुलिस थाने में गत वर्ष 2023 में एक पीड़िता ने रिपोर्ट दर्ज करवाते हुए बताया कि वह नाबालिग और पढ़ाई करने वाली छात्रा है। रास्ते में एक जगह काम करने वाला लड़का एक साल से परेशान करता आ रहा है। मौका देखकर दुकान के अंदर बुलाकर अश्लील हरकतें करता है। उसने मोबाइल से फोटो ले लिए। उसके मना करने पर उसके छोटे भाई को मारने की धमकी दी। वर्ष 2022 को उसे दोपहर 2 बजे बाइक पर बैठाकर एक मंदिर की तरफ ले गया और सुनसान जगह पर ले जाकर उसके साथ गलत काम करने की कोशिश की। लोगों का आवागमन होने पर वह किसी तरह वहां से भागकर घर आ गई।

उसके बार-बार गलत काम के लिए दबाव डालते हुए गलत हरकत करता रहा। घर लौट कर उसने सारी बात अपनी मां को बताई। एक दिन बाद उसी लड़के का फोन आया कि यदि वह पुलिस में गई तो उसके फोटो सोशल मीडिया पर शेयर कर देगा। इसके बदले 10 हजार की मांग की और गलत काम के लिए दबाव बनाया। बाद में उसकी इंस्टाग्राम आईडी का उपयोग करते हुए फोटो को अपलोड कर सोशल मीडिया पर शेयर कर दिए। पुलिस ने जांच पूरी करने के बाद आरोपी को कोर्ट में चालान पेश किया। कोर्ट में दोनों पक्षों की बहस के दौरान बचाव पक्ष ने कहा कि आरोपी गरीब व मजदूरी पैसा है उसके माता-पिता बुजुर्ग हैं, नर्मी का रुख अपनाया जाए।

इस पर विशिष्ठ लोक अभियोजक मोहन सिंह देवड़ा ने कहा कि इस तरह की घटनाओं में आरोपी के प्रति यदि नरमी का रुख अपनाया गया तो इससे समाज में विपरीत प्रभाव पड़ेगा और पीड़िता को न्याय की प्राप्ति नहीं हो पाएगी। आरोपी को कठोर से कठोर दंड देने का निवेदन किया। इसके अलावा 11 गवाहों को पेश कर गवाही कार्रवाई और 36 दस्तावेज पेश किए। इस पर कोर्ट ने आरोपी को 20 साल का कठोर कारावास और 50 हजार रुपए के जुर्माने से दंडित किया।

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