राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के “जन जन का रखे ध्यान, टीबी मुक्त भारत अभियान” के तहत शिमला में निक्षय शिविर लगाई गई। टीबी मुक्त पंचायत प्रधान समारोह व 100 दिवसीय निक्षय शिविर अभियान का शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने सोमवार को शुभारंभ किया।
.
इस अभियान के तहत लोगों को जिला भर में जागरूक किया जाएगा। शिक्षा मंत्री ने जिला के जन प्रतिनिधियों से निक्षय मित्र के तौर पर जिला में काम करने का आह्वान किया है। पंचायती राज में चुने हुए प्रतिनिधि लोगों को ग्रामीण क्षेत्रो में बीमारी के इलाज व बचाव के बारे में जागरूकता फैलाएं। इस दौरान शिक्षा मंत्री ने 5 टीबी चैंपियनों को भी सम्मानित किया, जो टीबी से जंग जीत चुके हैं। हिमाचल प्रदेश में 2023 के लिए 133 पंचायतें टीबी मुक्त घोषित की गई हैं। जिन्हें शनिवार को मंत्री ने स्मृति चिन्ह और सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया है।
टीबी से डरने की आवश्यकता नहीं:- रोहित इस दौरान शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि टीबी जैसी बीमारी से डरने की जरूरत नहीं है। बल्कि, सतर्कता और बेहतर समझ की जरूरत है। इस बीमारी का इलाज संभव है। स्वास्थ्य विभाग के प्रयास से लोग टीबी को मात देकर नई जिंदगी जी रहे हैं। धीरे-धीरे टीबी के मरीजों की संख्या कम होने लगी है। लेकिन अभी भी बीमारी पूरी तरह से खत्म नहीं हुई है। 100 दिवसीय निक्षय शिविर अभियान समाज को नई दिशा देगा। साथ ही, जनप्रतिनिधि निक्षय मित्र के रूप में समाज में काम करेंगे तो बहुत तेजी से सकारात्मक परिणाम आने लगेंगे।
शिमला में 1800 टीबी मरीज शिमला जिला में 1800 के करीब टीबी के मरीज है। इनमें से 90 फीसदी मरीज टीबी को हरा कर नई जिंदगी जी रहे है। टीबी चैंपियनों ने अपनी हिम्मत नहीं हारी, इस वजह से अंत में बीमारी को ही हारना पड़ा। इन्हीं में से कुछ ऐसे टीबी चैंपियन भी है जो कि अब समाज में टीबी के खिलाफ जागरूकता अभियान में अग्रणी भूमिका निभा रहे है।