10 players who won gold for India in Chess Olympiad | भारत को चेस ओलिंपियाड में गोल्ड दिलाने वाले 10 प्लेयर्स: गुकेश-अर्जुन ने एक भी मैच नहीं गंवाया, दिव्या-वंतिका को इंडिविजुअल गोल्ड

स्पोर्ट्स डेस्क14 मिनट पहले

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विमेंस टीम ने रविवार को भारत को चेस ओलिंपियाड में गोल्ड मेडल दिलाया। - Dainik Bhaskar

विमेंस टीम ने रविवार को भारत को चेस ओलिंपियाड में गोल्ड मेडल दिलाया।

भारत ने 45वें चेस ओलिंपियाड में ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए ओपन और विमेंस कैटेगरी में गोल्ड मेडल जीत लिए। देश को इंडिविजुअल कैटेगरी में भी 4 गोल्ड मिले, मेंस और विमेंस दोनों कैटेगरी में 2-2 प्लेयर्स ने पहला स्थान हासिल किया।

दोनों कैटेगरी में 5-5 प्लेयर्स ने भारत का प्रतिनिधित्व किया। 11 राउंड के बाद ओपन टीम ने 22 में से 21 पॉइंट्स हासिल किए। वहीं विमेंस टीम ने 19 पॉइंट्स के साथ गोल्ड पर कब्जा किया।

स्टोरी में दोनों टीमों के 5-5 प्लेयर्स के बारे में जानते हैं…

विमेंस टीम ने डिफेंडिंग चैंपियन चीन को हराया

विमेंस टीम में तानिया सचदेव, वैशाली रेमशबाबू, हरिका द्रोणावल्ली, वंतिका अग्रवाल और दिव्या देशमुख ने गोल्ड दिलाया। टीम ने 11 राउंड में से 9 जीते और एक ही ड्रॉ खेला। टीम को इकलौती हार पोलैंड के खिलाफ मिली। हालांकि, भारत ने 19 पॉइंट्स के साथ पहला स्थान हासिल किया। टीम ने 10वें राउंड में डिफेंडिंग चैंपियन चीन भी हराया।

1. तानिया सचदेव

स्पोर्ट्स कॉमेंटेटर तानिया सचदेव 2008 में ही ग्रैंडमास्टर बन गई थीं। हालांकि, तब विमेंस चेस में भारत कुछ खास नहीं कर रहा था। जिस कारण उन्हें अब जाकर टीम इवेंट में करियर का पहला इंटरनेशनल गोल्ड नसीब हुआ। वह 2012 के ओलिंपियाड में इंडिविजुअल ब्रॉन्ज जीत चुकी हैं। तानिया ने बुडापेस्ट में 5 मैच खेले, 2 में उन्हें जीत मिली, जबकि 3 ड्रॉ रहे। उन्होंने एक भी मुकाबला नहीं गंवाया।

2. हरिका द्रोणावल्ली

हरिका द्रोणावल्ली ने 2011 में ग्रैंडमास्टर का टाइटल हासिल कर लिया था। 2010 के एशियन गेम्स में उन्होंने इंडिविजुअल इवेंट का सिल्वर जीतने के बाद 2015 की वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज भी जीता। 2019 में उन्हें पद्मश्री सम्मान से नवाजा गया। 2022 में वह एशियन गेम्स सिल्वर जीतने वाली टीम का भी हिस्सा रही थीं। हरिका ने अब चेस ओलिंपियाड के 9 मैचों में से 3 में जीत हासिल की और 3 ही मुकाबले ड्रॉ खेले। हालांकि, उन्हें 3 में हार का सामना भी करना पड़ गया।

3. वैशाली रमेशबाबू

2024 में ही ग्रैंडमास्टर बनने वालीं वैशाली रमेशबाबू ने 2022 में विमेंस टीम के साथ एशियन गेम्स का सिल्वर मेडल जीता था। उन्होंने अब चेस ओलिंपियाड के 10 मैच खेले और 4 में जीत हासिल की। उन्हें 2 में हार भी मिली, लेकिन 4 मैच ड्रॉ खेलकर उन्होंने टीम का स्कोर खराब नहीं होने दिया।

4. वंतिका अग्रवाल

बोर्ड-4 पर खेलते हुए वंतिका अग्रवाल ने विमेंस इंडिविजुल का भी गोल्ड मेडल जीता। उन्होंने 11 राउंड में 9 मैच खेले और महज एक में हार का सामना करना पड़ा। उन्हें 5 में जीत मिली, जबकि 3 मैच उन्होंने ड्रॉ खेले। उन्होंने 2023 में ग्रैंडमास्टर का टाइटल हासिल किया, इससे पहले 2022 में वह एशियन गेम्स का सिल्वर जीतने वाली टीम का भी हिस्सा रही थीं।

5. दिव्या देशमुख

विमेंस टीम में भारत की सबसे मजबूत प्लेयर 18 साल की दिव्या देशमुख रहीं। वह देश की नंबर-1 विमेंस चेस प्लेयर भी हैं। उन्होंने ओलिंपियाड में सभी 11 मैच खेले, 8 जीते और महज 3 ड्रॉ खेले। उन्होंने 9.5 पॉइंट स्कोर के साथ बोर्ड-3 का इंडिविजुअल गोल्ड भी अपने नाम किया।

दिव्या 2022 के चेन्नई ओलिंपियाड में इंडिविजुअल ब्रॉन्ज भी जीत चुकी हैं। उन्होंने 2020 के ऑनलाइन ओलिंपियाड में भी टीम इवेंट का गोल्ड जीता था। वह 2023 में एशियन चैंपियनशिप के इंडिविजुअल इवेंट का गोल्ड भी जीत चुकी हैं। उन्हें पिछले साल ही इंटरनेशनल ग्रैंडमास्टर का टाइटल मिला था।

ओपन टीम से भी 2 प्लेयर्स ने इंडिविजुअल गोल्ड जीते

भारत की ओपन टीम में पेंटाला हरिकृष्णा, आर प्रागननंदा, विदित गुजराती, डी गुकेश और अर्जुन इरिगैसी शामिल रहे। इनमें गुकेश और अर्जुन ने इंडिविजुअल गोल्ड भी अपने नाम किए। टीम 11 राउंड में अजेय रही, टीम को 10 में जीत मिली, जबकि एकमात्र ड्रॉ मुकाबला उज्बेकिस्तान के खिलाफ रहा। टीम ने 11 राउंड 44 मुकाबलों में महज एक मुकाबला अमेरिका के खिलाफ गंवाया।

1. पेंटाला हरिकृष्णा

टीम के सबसे सीनियर प्लेयर पेंटाला हरिकृष्णा ने 3 ही मैच खेले, लेकिन इनमें वह अजेय रहे। उन्होंने 2 मैच जीते और एक ड्रॉ खेला। 2001 में ग्रैंडमास्टर बनने के बाद उन्होंने एशियन गेम्स में 3 मेडल जीते। 2006 में उन्होंने मिक्स्ड टीम के साथ गोल्ड, 2022 में मेंस टीम के साथ सिल्वर और 2010 में भी मेंस टीम के साथ ही ब्रॉन्ज जीता।

2. रमेशबाबू प्रागननंदा

आर प्रागननंदा 12 साल की उम्र में ही ग्रैंडमास्टर बन गए थे। तब वह भारत के सबसे युवा और दुनिया के दूसरे सबसे युवा ग्रैंडमास्टर थे। उन्होंने चेस ओलिंपियाड में 10 मैच खेले और 3 जीते। ओपन इवेंट में भारत की इकलौती हार उन्हें ही अमेरिका के खिलाफ मिली। हालांकि, उन्होंने 6 मैच ड्रॉ खेले और टीम का स्कोर खराब नहीं होने दिया।

प्रागननंदा 2022 के चेन्नई ओलिंपियाड में इंडिविजुअल गोल्ड जीत चुके हैं। उन्होंने तब मेंस टीम के साथ ब्रॉन्ज भी जीता था। वह 2022 के एशियन गेम्स में सिल्वर मेडल जीतने वाली मेंस टीम का भी हिस्सा रहे। जिसके बाद उन्हें 17 साल की उम्र में ही अर्जुन अवॉर्ड से भी नवाजा गया।

3. विदित गुजराती

ओपन इवेंट में भारत के तीसरे बेस्ट बेस्ट प्लेयर विदित गुजराती रहे। उन्होंने 10 मैच खेले, 5 जीते और 5 ही ड्रॉ भी खेले। 2013 में ग्रैंडमास्टर बनने के बाद उन्होंने 2022 के एशियन गेम्स में मेंस टीम के सिल्वर के रूप में इंटरनेशनल लेवल पर पहला बड़ा मेडल जीता था। अब उन्होंने चेस ओलिंपियाड में टीम इवेंट में पहला स्थान हासिल कर पहला गोल्ड भी जीत लिया।

4. गुकेश डोम्माराजू

चेस ओलिंपियाड में गुकेश पिछले 2 साल से भारत के टॉप प्लेयर साबित हो रहे हैं। उन्होंने इस बार भी 10 मैच खेले और 8 में जीत हासिल खेले। 2 ही मैच में विपक्षी उन्हें ड्रॉ पर रोक सके। उन्होंने 10वें राउंड में वर्ल्ड नंबर-3 अमेरिका के फैबियानो कारुआना को हराया था।

गुकेश 2019 में 12 साल की उम्र में ही ग्रैंडमास्टर बन गए थे। तब वह प्रागननंदा से आगे निकलकर भारत के सबसे युवा ग्रैंडमास्टर बने थे। उन्होंने अब 18 साल की उम्र में ही चेस ओलिंपियाड में बोर्ड-1 पर इंडिविजुअल गोल्ड भी जीत लिया। वह चेन्नई ओलिंपियाड में भी इंडिविजुअल गोल्ड जीत चुके हैं।

5. अर्जुन इरिगैसी

2024 के चेस ओलिंपियाड में 21 साल के अर्जुन इरिगैसी भारत के बेस्ट प्लेयर साबित हुए। उन्होंने 11 में से 9 मैच जीते और बोर्ड-3 पर इंडिविजुअल गोल्ड भी जीता। उन्होंने 2 मुकाबले ड्रॉ भी खेले। 2018 में ग्रैंडमास्टर बनने के बाद 2022 में उन्होंने चेन्नई ओलिंपियाड में भी इंडिविजुअल गोल्ड जीता था।

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