1.35 lakh lawyers of the state will have to wait for protection, Rajasthan Advocates Protection Bill did not get the President’s approval | राजस्थान के 1.35 लाख वकीलों को सुरक्षा के लिए करना होगा इंतजार, राजस्थान एडवोकेट्स प्रोटेक्शन बिल को राष्ट्रपति की मंजूरी नहीं मिली – Jaipur News


राजस्थान के 1.35 लाख अधिवक्ताओं को विधि कार्य के दौरान मिलने वाली सुरक्षा के लिए फिलहाल इंतजार करना होगा। क्योंकि राज्य सरकार द्वारा पारित राजस्थान एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल-2023 को राष्ट्रपति से मंजूरी नहीं मिल पाई और इसे वापस लौटा दिया गया। बता दें कि

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यह कानून वकीलों को हिंसा से उद्देश्य से बचाने के लिए बनाया है, ताकि वे बिना किसी डर या उत्पीड़न के विधिक कर्तव्यों का निर्वाह कर सकें। कर्नाटक सरकार ने 11 दिसंबर 2023 को यह बिल विधानसभा में पेश किया था और 12 दिसंबर को ही पारित हो गया। इसके बाद राज्यपाल की मंजूरी मिलने के बाद कानून बन गया।

बिल की खामियां दूर कर लागू करने का आग्रह करेंगे : बीसीआर चेयरमैन

बीसीआर के चेयरमैन भुवनेश शर्मा ने कहा है कि बिल प्रदेश के वकीलों की सुरक्षा से जुड़ा है। राज्यपाल व मुख्यमंत्री से मिलकर जल्द ही बिल से जुड़ी खामियों को दूर कर इसे लागू करवाने का आग्रह किया जाएगा। वहीं आपराधिक मामलों के अधिवक्ता दीपक चौहान का कहना है कि कोर्ट परिसर सहित अन्य जगह वकीलों पर आए दिन हमले हो रहे हैं। इसलिए राज्य सरकार इसे गंभीरता से ले और प्रोटेक्शन बिल को जल्द पारित कर लागू करवाए।

2019 में सरकार को भेजा था ड्राफ्ट

बीसीआर के पूर्व चेयरमैन चिरंजीलाल सैनी का कहना है कि इस मुद्दे को लेकर प्रदेश के वकील लंबे समय से आंदोलन कर रहे थे। वकीलों की सर्वोच्च संस्था बीसीआर ने राज्य सरकार को मई 2019 में एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट का ड्राफ्ट भेजा था।

बिल-2023 में तत्कालीन राज्य सरकार ने जानबूझकर कमियां छोड़ी, ताकि यह लागू नहीं हो पाए। वकीलों की सुरक्षा बिल को बिना तैयारी के ही आनन-फानन में विधानसभा में पेश कर पारित करवाया। बिल को ड्राफ्ट कमेटी के समक्ष वापस रखा जाए और कमियों को जल्द दूर किया जाए।
-प्रहलाद शर्मा, हाईकोर्ट बार एसोसिएशन जयपुर के अध्यक्ष

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