1.2 million employees of central agencies shift to Zoho Mail | सेंट्रल एजेंसियों के 12 लाख कर्मचारी Zoho Mail पर शिफ्ट: ऑडिट में सुरक्षित निकला; 7 दिन पहले गृहमंत्री अमित शाह ने जॉइन किया था

22 मिनट पहले

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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बाद अब केंद्रीय एजेंसियों के 12 लाख से ज्यादा कर्मचारी भी जोहो मेल प्लेटफार्म पर शिफ्ट हो गए हैं। यह कदम तेजी से बढ़ते और लगातार विकसित हो रहे साइबर खतरों से निपटने, कर्मचारियों के बीच डिजिटल हाइ जीन डेवलप करने और डेटा सुरक्षा को पुख्ता करने के उद्देश्य से उठाया गया है।

जोहो इंडियन मल्टीनेशनल टेक्नोलॉजी कंपनी है, जो क्लाउड बेस्ड सॉफ्टवेयर और बिजनेस टूल्स सर्विस देती है। 1996 में इसकी स्थापना श्रीधर वेम्बु और टोनी थॉमस ने की थी। इसका मुख्यालय चेन्नई में है। कंपनी अरट्‌टई मैसेंजर, जोहो मेल जैसी 80 एप सर्विस 160 देशों में उपलब्ध करा रही है।

एम्स सर्वर हैक होने के बाद प्रयास शुरू केंद्र सरकार की जोहो प्लेटफार्म्स पर शिफ्टिंग अचानक नहीं हो रही। बल्कि इसके लिए 3 साल गहन सर्च और जांच हुई। दरअसल, 2022 में हैकर्स ने एम्स के 5 सर्वर और 1.3 टीबी से ज्यादा डेटा पर कब्जा कर लिया था। इससे सरकार को काफी नुकसान हुआ। यहीं एक स्वदेशी संचार तंत्र की जरूरत महसूस हुई।

2023 में केंद्रीय सूचना मंत्रालय ने सुरक्षित मेल सेवाएं देने के लिए टेंडर निकाले। टेंडर जोहो मेल ने जीता। इसके बाद नेशनल इंफॉर्मेटिक सेंटर ने 20 गोपनीय सुरक्षा मापदंडों पर जोहो मेल का ऑडिट किया। भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया दल जैसी सुरक्षा एजेंसियों ने जोहो की स्वतंत्र सुरक्षा जांच की। इसके बाद जोहो पर भरोसा किया गया।

भारतीय कंपनी ने बनाया है Zoho Mail

Zoho Mail पूरी तरह से भारतीय कंपनी Zoho कॉर्पोरेशन का ईमेल क्लाइंट है। इसे Zoho के फाउंडर श्रीधर वेंबु ने बनाया है। यह एड-फ्री प्लेटफॉर्म है जो व्यक्तिगत और बिजनेस दोनों यूजर्स को सेवाएं देता है।

कंपनी का दावा है कि इसमें एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन से डेटा सुरक्षित रहता है और किसी भी जानकारी को विज्ञापनदाताओं के साथ साझा नहीं किया जाता।

इस प्लेटफॉर्म पर यूजर्स को पर्सनल, बिजनेस और प्रमोशनल ईमेल्स के लिए अलग-अलग टैब, साथ ही कैलेंडर, नोट्स और कॉन्टैक्ट्स जैसी सुविधाएं भी मिलती हैं।

Zoho ने वॉट्सएप का विकल्प भी लॉन्च किया

हाल ही में Zoho ने अपना मैसेजिंग ऐप Arattai लॉन्च किया था, जिसके बाद भारतीय टेक्नोलॉजी को लेकर चर्चा तेज हुई। Zoho के फाउंडर श्रीधर वेंबु लगातार अपने स्वदेशी प्रोडक्ट्स को प्रमोट करते रहे हैं। Arattai तमिल भाषा का शब्द है, जिसका मतलब बातचीत होता है। इस एप में ऑडियो-वीडियो कॉल के अलावा कोट का भी फीचर है।

ZOHO ने सिर्फ Arratai ही नहीं अन्य कई सॉफ्टवेयर और एप्स बनाएं हैं। अब ZOHO के 50 से ज्यादा क्लाउड-बेस्ड सॉफ्टवेयर को 180 से ज्यादा देशों में 1 करोड़ से ज्यादा आबादी इस्तेमाल कर रही है। ईमेल, अकाउंटिंग, CRM और HR मैनेजमेंट जैसे सेक्टर में इसका खूब इस्तेमाल हो रहा है।

1996 में ZOHO Corporation की शुरुआत की

साल 1996 में वेंबु ने अपने दो भाइयों और मित्र टोनी थॉमस के साथ मिलकर ‘एडवेंटनेट (AdventNet)’ नाम की एक सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट कंपनी की शुरुआत की। ये कंपनी नेटवर्क सॉल्यूशन प्रोवाइड करती थी। साल 2009 में इसी कंपनी का नाम बदलकर ‘ZOHO Corporation’ रखा गया।

इसी साल ZOHO ने क्लाउड-आधारित SaaS (Software as a Service) मॉडल पर काम शुरू किया। इसके अलावा, कस्टमर रिलेशनशिप मैनेजमेंट (CRM) और अन्य दूसरे सॉफ्टवेयर सॉल्यूशन प्रोवाइड करने लगी।

धीरे-धीरे ZOHO भारत की लीडिंग सॉफ्टवेयर प्रोडक्ट कंपनी और क्लाउड में उभरती हुई अग्रणी कंपनी बन गई। साल 2016 तक इस कंपनी में 3000 से ज्यादा एम्‍पलॉई काम करने लगे थे। ZOHO आज दुनिया की अग्रणी SaaS कंपनियों में से है और पूरी तरह से बूटस्ट्रैप्ड यानी बिना बाहरी निवेश के विकसित हुई है।

अमेरिका छोड़कर तमिलनाडु के गांव में बसे

वेंबु का जन्म तमिलनाडु के तंजावुर जिले के एक मध्यमवर्गीय तमिल हिंदू परिवार में हुआ था। वेंबु ने अमेरिका के कैलिफोर्निया की सिलिकॉन वैली से अपने करियर की शुरुआत की। उन्होंने सॉफ्टवेयर कंपनी क्वालकॉम (Qualcomm) में वायरलेस इंजीनियर के रूप में काम किया। Qualcomm में रहते हुए वो सैन फ्रांसिस्को बे एरिया चले गए और फिर सैन होजे तथा प्लेजैनटन में रहे।

2019 में वेंबु अमेरिका छोड़कर दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु के बजाय तमिलनाडु के तेनाकासी जिले के एक छोटे से गांव में बसने का निर्णय लिया। उन्होंने वहीं से ZOHO को चलाना शुरू किया। उनका मानना है कि भारत के गांव भी टेक्नोलॉजी और रोजगार का केंद्र बन सकते हैं। आज ZOHO के कई दफ्तर छोटे-छोटे कस्बों और ग्रामीण इलाकों में हैं।

भारत के 39वें सबसे अमीर व्यक्ति बने

2024 में फोर्ब्स के अनुसार, वे भारत के 39वें सबसे अमीर व्यक्ति हैं, जिनकी संपत्ति लगभग 5.85 बिलियन डॉलर आंकी गई। 2024 की फोर्ब्स सूची में वेंबु और उनके भाई-बहन मिलकर भारत के 100 सबसे अमीर लोगों में 51वें स्थान पर रहे।

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