₹2500 will be transferred to the accounts of 56 lakh women | 56 लाख महिलाओं के खातों में जाएगा ₹2500: 6 जनवरी को होगा मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान समारोह, CM हेमंत ने पहले कैबिनेट में लिया था फैसला – Ranchi News

6 जनवरी को 56 लाख महिलाओं के खातों में जाएगा 25 सौ रुपए

मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान समारोह 6 जनवरी को नामकुम के खोजा टोली मैदान में होगा। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन दोपहर एक बजे समारोह की शुरुआत करेंगे। इसी दिन करीब 56 लाख महिलाओं के खाते में दिसंबर माह से बढ़ी हुई 2500 रुपए की राशि ऑनलाइन ट्रांसफर हो जाएगी।

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इस समारोह में राज्यभर से करीब तीन लाख महिलाओं के जुटने की उम्मीद है। महिला बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग ने पहले ही सभी जिलों को इस मद में पैसे उपलब्ध करा दिया है। जिलों के सामाजिक सुरक्षा कोषांग ने भी पैसे ट्रांसफर करने की पूरी तैयारी कर ली है।

हेमंत सोरेन ने पहले कैबिनेट में लिया था फैसला

पहले यह समारोह 28 दिसंबर को होने वाला था। लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन के बाद राज्य में सात दिन के राजकीय शोक के कारण इसे स्थगित कर दिया गया था। हालांकि 26-27 दिसंबर को टेस्ट के तौर पर हर जिले की 100-200 महिलाओं के खाते में पैसे ट्रांसफर हुए थे। गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव की घोषणा से एक दिन पहले कैबिनेट ने दिसंबर से मंईयां सम्मान योजना की राशि 1000 रुपए से बढ़ाकर 2500 रुपए करने का फैसला किया था।

मंईयां के लिए 6391 करोड़ का इंतजाम

चालू वित्तीय वर्ष में मंईयां सम्मान योजना के लिए मूल बजट में कोई प्रावधान नहीं था। बाद में महिला बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग ने दूसरे मद के पैसे सरेंडर कराए। इसके साथ प्रथम अनुपूरक बजट और जेसीएफ के माध्यम से करीब 1000 करोड़ की व्यवस्था कर इस योजना में भुगतान किया।

उस समय सम्मान राशि 1000 रुपए थी। एक आकलन के अनुसार 31 मार्च तक इस योजना के लिए 7300 करोड़, बिजली बिल माफी योजना के लिए 1800 करोड़, बिरसा फसल बीमा योजना के लिए 250 करोड़ और बिजली टैरिफ सब्सिडी के लिए 767 करोड़ रुपए चाहिए। अब विभाग ने मंईयां योजना के लिए 6391 करोड़ का फंड जुटा लिया है।

दूसरे विभागों के पैसे सरेंडर कर जुटाई राशि

सरकारी खजाने में करीब 5000 करोड़ रुपए है। सरकार ने पेयजल स्वच्छता, ग्रामीण विकास व खाद्य आपूर्ति समेत एक दर्जन विभागों से 4000 करोड़ से अधिक राशि सरेंडर कराया। सूत्रों के मुताबिक पेयजल स्वच्छता विभाग से नल-जल एवं चापाकल योजना का 1400 करोड़, ग्रामीण विकास विभाग से ग्राम व अन्य योजना का 900 करोड़ सरेंडर कराया है।

वहीं खाद्य आपूर्ति विभाग से अनाज योजना का 600 करोड़ रुपए से अधिक सरेंडर कराया गया। इसके अलावा योजना एवं विकास, कृषि, पशुपालन, सूचना प्रौद्योगिकी, शिक्षा, स्वास्थ्य, उद्योग और जल संसाधन विभाग के पैसे भी सरेंडर हुए। माइनिंग सेस के 1000 करोड़ और दो साल से पड़े करीब 2000 करोड़ रुपए भी इस योजना में लगाए गए है।

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