भास्कर न्यूज | कोंडागांव जिले के किसान अपनी उपज बेचने के लिए जब शहर में लाते हैं तो उन्हें परेशानी ना हो इसके लिए मंडी ने उनके लिए ओपन शेड बना रखा है। दो-तीन वर्ष पूर्व इस जगह सीआरपीएफ के जवान रह रहे थे अब वह चले गए हैं। इसके बाद इन फड़ों पर व्यापारियों ने अपना कब्जा कर रखा है जो निरंतर जारी है, जिसे किराए पर नहीं दिया जा सकता है न ही कोई रह सकता है। अस्थाई तौर पर किसानों को कुछ समय अपनी उपज रखने के लिए यह सुविधा मंडी बोर्ड उपलब्ध करवाता है। 2 वर्ष पूर्व यहां सीआरपीएफ बटालियन का कब्जा था उनके गए 2 वर्ष हुए हैं उनके बाद इन खाली पड़ी तीन फड़ों को छह व्यापारियों ने अपने कब्जे में ले रखा है और बकायदा इसे घेरकर इस पर ताला लगा दिया है। मंडी में यह ओपन फड़ इसलिए बनाई जाती है जिससे दूर दराज के किसान यहां अपने वनोपज लाकर रखें और जिन व्यापारियों को वनोपज देखनी है वह देखकर खरीद सकते हैं। इस फड़ में किसानों को वनोपज रखने कोई शुल्क नहीं देना होता है किसानों को यह सुविधा निशुल्क है। मंडी बोर्ड की मानें तो उनका कहना है कि यह तो किसानों के लिए है मगर यहां किसान वनोपज लाते नहीं इसलिए तीन फड़ बनी हुई हैं उसे हमने 6 व्यापारियों को मौखिक आदेश में दिया है। एक व्यापारी साल का 5000 रुपए किराया देते हैं यानी प्रतिमाह लगभग 418 रुपए पर इसे व्यापारियों को दिया गया है। वहीं विभाग तर्क दे रहा है हम गांव-गांव मुनादी कर रहे हैं कि किसान यहां अपना वनोपज लाएं और सुविधा का लाभ लें मगर कोई नहीं आता। मंडी बोर्ड सचिव सुरेश कुमार सिंह ने कहा दो माह हुए यहां आया हूं। फड़ किसानों की सुविधा के लिए ही बनाए जाते हैं। हमने सभी छह व्यापारियों को फड़ों को दो माह के अंदर खाली करने का नोटिस दे दिया है।